सरकार से इतना डर? मनमोहन सिंह के निधन पर साध ली चुप्पी, फिल्मी सितारों पर भड़के अभिषेक बनर्जी
- टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताने में अनिच्छा उनकी प्राथमिकताओं, जिम्मेदारी और ईमानदारी के बारे में असहज कर देने वाले सवाल खड़े करती है।’

तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार को खेल और फिल्म क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों की आलोचना की। उन्होंने दावा किया कि वे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के मामले में चुप्पी साधे रहे। सिंह को भारत के महानतम राजनेताओं में से एक बताते हुए बनर्जी ने कहा कि खेल और फिल्म बिरादरी की पूरी तरह चुप्पी की वजह सरकार का डर हो सकती है। बनर्जी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'अक्सर रोल मॉडल मानी जाने वालीं खेल और फिल्म उद्योग की प्रमुख हस्तियों को पूरी तरह चुप्पी साधे हुए देखना चौंकाने वाला और निराशाजनक है।'
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक जताने में अनिच्छा उनकी प्राथमिकताओं, जिम्मेदारी और ईमानदारी के बारे में असहज कर देने वाले सवाल खड़े करती है। ऐसा प्रतीत होता है कि इस चुप्पी की वजह सरकार का डर है क्योंकि राष्ट्रीय मुद्दों पर चुप रहना इनमें से कई हस्तियों की आदत बन गई है। मालूम हो कि 92 वर्षीय मनमोहन सिंह का शनिवार को नई दिल्ली में देश-विदेश के शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
'मणिपुर में जारी संकट को लेकर भी बने मूक'
अभिषेक बनर्जी ने हस्तियों की चुप्पी को लेकर कहा कि यह कोई नहीं बात नहीं है। उन्होंने कहा, 'ये वही व्यक्ति हैं जो किसानों के विरोध प्रदर्शन, सीएए-एनआरसी आंदोलन और मणिपुर में जारी संकट को लेकर मूक बने रहे हैं।' डायमंड हार्बर से सांसद बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'उन्होंने आम लोगों से मिले प्रेम का लाभ उठाकर अपनी संपत्ति बनाई और प्रसिद्धि हासिल की, फिर भी जब देश को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वे नैतिक रुख अपनाने से भी कतराते हैं।' बता दें कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की अस्थियां उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार मजनू का टीला गुरुद्वारा के निकट यमुना नदी में विसर्जित कर दीं। अस्थियां रविवार सुबह सिंह के परिवार के सदस्यों की ओर से निगमबोध घाट से एकत्र की गईं। बाद में उन्हें गुरुद्वारे के पास यमुना नदी तट पर स्थित अष्ट घाट ले जाया गया।