78वां स्वतंत्रता दिवस आज, लगातार 11वीं बार लाल किले की प्रचीर से बोलेंगे पीएम मोदी; क्या रहेगा पूरा शेड्यूल
- 78वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे और देश को संबोधित करेंगे। इस बार पीएम मोदी के संबोधन में 'विकसित भारत', बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा, और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और चुनाव मुद्दों का जिक्र हो सकता है।
आज देश को आजाद हुए पूरे 77 साल हो गए हैं। पूरा भारत आज अपने 78वें स्वतंत्रता दिवस को मना रहा है। इस अवसर पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। वह लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। अपने संबोधन में में जहां वह अपनी सरकार का एजेंडा रखते हैं, रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हैं, महत्वपूर्ण नीति और कार्यक्रम की घोषणा करते हैं वहीं देश के समक्ष ज्वलंत मुद्दों के बारे में बात भी करते हैं। स्वतंत्रता दिवस पर अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ देंगे। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था। इस मामले में मोदी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। नेहरू को यह सम्मान 17 और इंदिरा को 16 बार मिला था।
किन मुद्दों पर बोल सकते हैं पीएम पीएम मोदी
'विकसित भारत' का विषय पीएम मोदी के संबोधन में प्रमुखता से छाया रह सकता है। माना जा रहा है कि वह अपने संबोधन में बांग्लादेश में संकट की स्थिति, विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाए जाने का उल्लेख भी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता कि कई हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है और उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाओं का विरोध सड़क पर उतर कर किया है। मोदी कम बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार अपनी सरकार को मिले जनादेश के बारे में भी बोल सकते हैं और इस बात पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं कि पिछले 10 वर्षों में शुरू किए गए सुधारों, विकास कार्यक्रमों और कल्याणकारी उपायों ने लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित किया है।
क्या करेंगे किसी नई पहल की घोषणा?
प्रधानमंत्री के संबोधन में लोगों की नजर इस बात पर भी रहेगी कि क्या वह किसी नई पहल की घोषणा करते हैं या वर्तमान में लागू किए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों के दायरे का क्या विस्तार करते हैं। उनके 15 अगस्त के भाषणों में अक्सर जम्मू एवं कश्मीर का जिक्र आता रहा है क्योंकि सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने के बाद से पूर्ववर्ती राज्य में सुरक्षा और विकास प्रतिमानों को स्थापित करने के लिए लगातार काम किया है। हाल ही में इस क्षेत्र, विशेष रूप से जम्मू संभाग में कई आतंकी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समय सीमा तय की है। ऐसी भी संभावना है कि तीसरे कार्यकाल के लिए मोदी के पद संभालने के बाद से सरकार द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख निर्णयों को वह अपने संबोधन में रेखांकित कर सकते हैं इस तरह के फैसलों में गरीबों के लिए आवास योजना का विस्तार, सड़क और रेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना और वक्फ बोर्डों और संपत्तियों को विनियमित करने वाले कानून में प्रस्तावित बदलाव शामिल हैं, जिसकी विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है।
इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस 'विकसित भारत @ 2047' की थीम पर आधारित होगा, जिसमें सरकार के 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रयासों को दर्शाया जाएगा। लाल किले पर आयोजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 6,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है, जिनमें युवा, आदिवासी समुदाय, किसान और महिलाएं शामिल हैं।
क्या रहेगा स्वतंत्रता दिवस का पूरा शेड्यूल
लाल किले पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने मुलाकात करेंगे। इसके बाद अरमाने दिल्ली के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार का मोदी से परिचय कराएंगे। इसके बाद, वह मोदी को सलामी बेस पर ले जाएंगे, जहां सेना, नौसेना और वायु सेना और दिल्ली पुलिस गार्ड प्रधानमंत्री को सामान्य सलामी देंगे। इस दरौन प्रधानमंत्री सलामी गारद का निरीक्षण करते हुए लाल किले की प्राचीर की ओर जाएंगे, जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी करेंगे।
इसके बाद दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) पीएम मोदी को राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए मंच तक ले जाएंगे। लेफ्टिनेंट संजीत सैनी ध्वज फहराने में प्रधानमंत्री की सहायता करेंगे। इस दौरान 1721 फील्ड बैटरी से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी। ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रीय ध्वज गार्ड 'राष्ट्रीय सलामी' देगा। इसमें सेना, नौसेना और वायु सेना के एक-एक अधिकारी और 32-32 कर्मी तथा दिल्ली पुलिस के 128 अधिकारी शामिल होंगे। कमांडर विनय दुबे संयुक्त अंतर-सेवा और पुलिस गार्ड का नेतृत्व करेंगे। पंजाब रेजिमेंट मिलिट्री बैंड ध्वज फहराने और सलामी के दौरान राष्ट्रगान बजाएगा। ध्वज फहराने के बाद दो भारतीय वायु सेना के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों से पुष्प वर्षा की जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे। उनके भाषण के अंत में राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट राष्ट्रगान गाएंगे।
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