Hindi NewsIndia News29 percent increase in crimes against ST community across the country, which states are included in the top three
देशभर में ST समुदाय के खिलाफ अपराध में 29% का इजाफा, टॉप तीन राज्यों में कौन-कौन?

देशभर में ST समुदाय के खिलाफ अपराध में 29% का इजाफा, टॉप तीन राज्यों में कौन-कौन?

संक्षेप: राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो मणिपुर के बाद मध्य प्रदेश का स्थान दूसरे नंबर पर है। जहां ST समुदाय के खिलाफ अपराध के 2,858 मामले दर्ज किए गए हैं। 2022 में यह संख्या 2,979 और 2021 में 2,627 थी।

Tue, 30 Sep 2025 08:44 AMPramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
share Share
Follow Us on

आजादी के 78 सालों बाद भी देश के सबसे दबे-कुचले समुदाय के लोगों के खिलाफ अपराध के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे बल्कि उसकी संख्या में और इजाफा हो रहा है। इस बात की तस्दीक राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने की है। NCRB द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, देशभर में अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के लोगों के खिलाफ अपराध के मामलों में करीब 29 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। NCRB की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 की तुलना में 2024 में अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध के मामलों में 28.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। 2024 में ST समुदाय के खिलाफ देश भर में कुल 12,960 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में यह संख्या 10,064 थी।

NCRB की रिपोर्ट में कहा गया है कि मणिपुर इस मामले में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां मई 2023 से मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के बीच जातीय हिंसा की आग अभी भी सुलग रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, वहां एसटी समुदाय के खिलाफ 3,399 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 2022 में ऐसे मामलों की संख्या सिर्फ एक थी और 2021 में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था।

ये भी पढ़ें:अहमदाबाद में दलित लड़की से गैंगरेप, चार आरोपी गिरफ्तार; दोस्त ने ही फंसाया जाल

ST समुदाय के खिलाफ अपराध के कैसे-कैसे मामले?

रिपोर्ट में कहा गया है, "अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ अपराध में मणिपुर में 2023 में डकैती के 260 मामले, आगजनी के 1,051 मामले, जानबूझकर अपमानित करने के इरादे से धमकी के 203 मामले, अनुसूचित जनजातियों से संबंधित भूमि पर कब्जा/निपटान के 193 मामले दर्ज किए गए।" इसकी तुलना में, अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ अपराध में 0.4% की मामूली वृद्धि देखी गई है।

टॉप तीन राज्य कौन-कौन?

राज्यवार आंकड़ों की बात करें तो मणिपुर के बाद मध्य प्रदेश का स्थान दूसरे नंबर पर है। जहां ST समुदाय के खिलाफ अपराध के 2,858 मामले दर्ज किए गए हैं। 2022 में यह संख्या 2,979 और 2021 में 2,627 थी। इसके बाद तीसरे स्थान पर राजस्थान है, जहाँ 2023 में ऐसे 2,453 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 के 2,521 मामलों से कम है, लेकिन 2021 में दर्ज 2,121 मामलों से अधिक है।

ये भी पढ़ें:राजस्थान में दलितों को मंदिर में घुसने से रोका, मारपीट कर भगा दिया

महिलाओं के खिलाफ अपराध का क्या ग्राफ?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को जारी 2023 के एनसीआरबी के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि उस वर्ष महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,48,211 मामले दर्ज किए गए, जो 2022 के 4,45,256 मामलों की तुलना में 0.7% की वृद्धि दर्शाता है। महिलाओं के खिलाफ अपराध के तहत अधिकांश मामले पति या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के तहत दर्ज किए गए, जिनकी संख्या 1,33,676 (29.8 प्रतिशत) थी, महिलाओं के अपहरण के 88,605 मामले (19.8 प्रतिशत) थे, इसके बाद महिलाओं पर शील भंग करने के इरादे से हमला करने के 83,891 मामले दर्ज किए गए।

Pramod Praveen

लेखक के बारे में

Pramod Praveen
भूगोल में पीएचडी और पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर उपाधि धारक। ईटीवी से बतौर प्रशिक्षु पत्रकार पत्रकारिता करियर की शुरुआत। कई हिंदी न्यूज़ चैनलों (इंडिया न्यूज, फोकस टीवी, साधना न्यूज) की लॉन्चिंग टीम का सदस्य और बतौर प्रोड्यूसर, सीनियर प्रोड्यूसर के रूप में काम करने के बाद डिजिटल पत्रकारिता में एक दशक से लंबे समय का कार्यानुभव। जनसत्ता, एनडीटीवी के बाद संप्रति हिन्दुस्तान लाइव में कार्यरत। समसामयिक घटनाओं और राजनीतिक जगत के अंदर की खबरों पर चिंतन-मंथन और लेखन समेत कुल डेढ़ दशक की पत्रकारिता में बहुआयामी भूमिका। कई संस्थानों में सियासी किस्सों का स्तंभकार और संपादन। और पढ़ें
इंडिया न्यूज़ , विधानसभा चुनाव और आज का मौसम से जुड़ी ताजा खबरें हिंदी में | लेटेस्ट Hindi News, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।