
18 महीने में 18 चिट्ठी लिखी, EC मौन; वोट चोरी पर राहुल का नया हमला, दलितों-पिछड़ों पर क्या बोले?
संक्षेप: Rahul Gandhi on EC Vote Theft: पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में प्रेस कॉन्फ्रेन्स में राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मेरा काम डेमोक्रेटिक सिस्टम की रक्षा करना नहीं, बल्कि सिस्टम में शरीक होना और लोगों को सच्चाई दिखाना है।
Rahul Gandhi on EC Vote Theft: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि पूरे देश में कांग्रेस को वोट देने वाले मतदाताओं के नाम जानबूझकर सूची से हटाये जा रहे हैं और यह काम स्वचलित, विकेंद्रीकृत और बहुत रणनीतिक तरीके से पूरे देश में किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार वोट चोरों को संरक्षन दे रहे हैं। लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी ने CEC पर देश के लोकतंत्र को तबाह करने वाले लोगों को बचाने का आरोप लगाया और कहा कि जब शिकायत की जाती है तो उसकी कोई सुनवाई नहीं होती। गांधी ने कहा कि इससे साफ है कि ज्ञानेश कुमार आरोपियों को बचा रहे हैं और वोट चोरी की कार्रवाई को संरक्षण दे रहे हैं।

उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां किसी ने 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश की. हमें नहीं पता कि 2023 के चुनाव में कुल कितने वोट डिलीट किए गए, लेकिन यह संख्या 6,018 से कहीं ज्यादा है। बस इतनी बात हुई कि इन 6,018 वोटों को डिलीट करते समय गलती से मामला पकड़ में आ गया। राहुल ने ये भी बताया कि ये मामला पकड़ में कैसे आया। उन्होंने बताया कि हुआ यूं कि वहां की एक बूथ-लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का ही नाम वोटर लिस्ट से डिलीट हो चुका है। जब उसने जांच की कि उसके चाचा का वोट किसने डिलीट किया, तो पता चला कि पड़ोसी ने डिलीट किया है. जब उसने अपने पड़ोसी से पूछा तो उसने कहा कि मैंने कोई वोट डिलीट नहीं किया। यानी न तो जिस व्यक्ति ने वोट डिलीट किया और न ही जिसका वोट डिलीट हुआ, दोनों को इस बारे में कुछ पता था।
सिस्टम हाईजैक कर वोट डिलीट हुए
राहुल ने कहा कि असल में किसी बाहरी ताकत ने सिस्टम को हाईजैक करके ये वोट डिलीट किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले की जांच के सिलसिले में कर्नाटक सीआईडी ने चुनाव आयोग को पिछले 18 महीने में 18 बार चिट्ठी लिखी लेकिन आयोग उस पर मौन धारण किए हुए है और कोई जवाब नहीं दे रहा है। राहुल गांधी ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रणनीति के तहत वोट काटे जा रहे हैं और कांग्रेस तथा विपक्षी दलों के मतदाताओं को निशाना बनाया जा रहा है।
इस मामले में उन्होंने कुछ मतदाताओं को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया, जिनमें से सूर्यकांत ने बताया कि उन्होंने कोई मत डिलीट ही नहीं किया है, जबकि उनके नाम से 12 मत महज 14 सेकंड में डिलीट किये गये हैं। उन्होंने बताया कि उनका वोट काटा गया है, जिसकी उन्हें जानकारी तक नहीं है। अपना वोट काटे जाने से वह हैरान हैं और जब इस मामले की शिकायत की जाती है, तो उसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दलितों और ओबीसी को बनाया जा रहा निशाना
राहुल ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस को मत देने वाले मतदाताओं को निशाना बनाया गया है। दलित और ओबीसी के मत काटे गये हैं। कांग्रेस के मतदाताओं का नाम जानबूझकर हटाया गया है, जिन लोगों का वोट हटाया गया, उनको इसकी जानकारी नहीं है और यह सारे वोट कर्नाटक के बाहर के मोबाइल नंबर से हुये हैं। उन्होंने कहा, “ सवाल है कि इस वोट को कौन और कहां से हटा रहा है। किसने और कैसे ओटीपी जनरेट कर वोट मिटाये हैं। कर्नाटक के अलंद में 6018 से ज्यादा वोट कैसे हटाये गये है। महज 14 मिनट में 12 वोट को डिलीट किया गया है और जिस व्यक्ति के नाम से यह काम हुआ है उसे इसकी खबर ही नहीं है।”
CEC को सात दिनों का अल्टीमेटम
कांग्रेस नेता ने कहा की वोट हटाने का यह काम कर्नाटक में नहीं, बल्कि महाराष्ट्र के राजवाड़ा में भी हुआ है। इसी तरह का काम महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में हुआ है। इसमें नाम गलत होते हैं और पता तो होता ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र के राजुरा में 6850 वोटर्स के नाम जोड़े गए थे। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को अल्टीमेटम थामते हुए कहा कि एक सप्ताह के भीतर ‘मतदाताओं के नाम हटाने’ का विवरण उपलब्ध कराएं। राहुल गांधी ने कहा कि यह वह H-बम नहीं है, असली H-बम अभी आने वाला है। यानी उन्होंने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में भी वह इसी तरह का दावा और खुलासा कर सकते हैं।





