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मगरमच्छ से मुकाबला

रेबेका मुंकोंब्वे सिर्फ ग्यारह साल की है। वह जिंबाब्वेे की रहने वाली है। उसकी बहादुरी से उसकी सहेली लाटोया मुवानी की जान बच गई। दरअसल, जिंबाब्वे के एक गांव के पास बहती नदी से बचाओ-बचाओ चिल्लाने की...

मगरमच्छ से मुकाबला
सुनीता तिवारी,दिल्लीSat, 18 Apr 2020 09:11 PM
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रेबेका मुंकोंब्वे सिर्फ ग्यारह साल की है। वह जिंबाब्वेे की रहने वाली है। उसकी बहादुरी से उसकी सहेली लाटोया मुवानी की जान बच गई। दरअसल, जिंबाब्वे के एक गांव के पास बहती नदी से बचाओ-बचाओ चिल्लाने की आवाजें आ रही थीं। रेबेका ने देखा कि उसकी नौ साल की सहेली लाटोया नदी में डूब रही है। उसे कोई जीव काट रहा था, वह नदी में नीचे की ओर जा रही थी। तभी वहां उसे एक बड़ा मगरमच्छ दिखा। वह तुरंत उस पर कूद गई। उसने मगरमच्छ की आंखों में अपनी उंगलियों से ही प्रहार शुरू कर दिया। अपनी सहेली को बचाने के लिए वह उससे पूरी ताकत से लड़ने लगी। उसे इतना मारा कि मजबूर होकर उसने अपने दांतों में दबाई लाटोया की टांग को छोड़ दिया। इस तरह बच गई उसकी सहेली लाटोया की जान। एक अच्छी बात यह थी कि रेबेका को इस दौरान जरा भी चोट नहीं लगी।

 

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