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Hindi News नंदनकल है अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस: यहां है एेसी 5 बातें जो नहीं जानते होंगे आप

कल है अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस: यहां है एेसी 5 बातें जो नहीं जानते होंगे आप

दुनिया के 97 प्रतिशत बाघ खत्म हो चुके हैं और लगभग 3000 ही कुल जीवित बचे हैं। 29 जुलाई को अंत

Karuna.kritiसुनीता तिवारी ‘निगम’ ,नई दिल्ली Fri, 28 Jul 2017 06:39 PM

बाघ जीतें हैं 19 वर्षों तक

बाघ जीतें हैं 19 वर्षों तक3 / 5

हम मनुष्यों के फिंगर प्रिंट अलग-अलग होते हैं, कुछ वैसे ही बाघ के शरीर पर पड़ी धारियां भी अलग-अलग होती हैं। ये धारियां पेड़-पौधों में शिकार से छिपने में मदद करती हैं। इसकी छाती का हिस्सा व पांव का रंग सफेद होता है। यह 13 फुट लंबा होता है। बाघिन एक बार में 2-3 बच्चों को जन्म देती है। बच्चे शिकार करना अपनी मां से सीखते हैं। ढाई वर्ष की उम्र के बाद वे स्वतंत्र रहने लगते हैं। बाघ की उम्र लगभग 19 वर्ष तक होती है। इसका वैज्ञानिक नाम पैंथेरा टाइग्रिस है। यह वन, दलदली क्षेत्र तथा घास के मैदानों के पास रहना पसंद करता है। इसकी सुनने, सूंघने और देखने की क्षमता तेज होती है। यह अकसर पीछे से हमला करता है। यह काफी तेज दौड़ सकता है, पर भारी शरीर के कारण जल्दी ही थक जाता है। बहुत दूरी तक दौड़कर पीछा नहीं कर सकता, इसलिए अकसर वह छिपकर शिकार के पास पहुंचता है।

खुद से बड़े जीव पर आक्रमण नहीं करता बाघ

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बाघ की एक बात बहुत कम लोगों को पता है कि यह अपने से बड़े जीव पर जल्दी से आक्रमण नहीं करता है, इसलिए बाघ का सामना होते ही डरने की बजाय बचने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए अपनी दोनों एड़ियां ऊंची उठाकर दोनों बांहों को ऊपर की ओर सीधा उठाएं। इससे उसे लगेगा कि यह तो मुझसे भी बड़ा कोई जीव है, मैं इस पर आक्रमण नहीं कर सकता! इसके अलावा अगर तुम्हारे पास तौलिया, चादर, मफलर जैसी कोई चीज है, तो उसे हाथ में लेकर हाथ ऊपर की ओर करने पर भी उसे लगता है यह तो कोई बड़े आकार का जीव है। बाघ की आंखों में आंखें डालकर देखने से कई बार वह हमला करने का इरादा बदलकर चला जाता है। इंसान पर जल्दी से बाघ आक्रमण नहीं करता है। आक्रमण तभी करता है, जब उसे अपना शिकार बहुत समय से न मिल रहा हो। यदि बाघ के पैरों के निशान देखकर अंदाज लग रहा हो कि बाघ यहां भी आ सकता है तो तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए। बाघ इंसान पर बेवजह आक्रमण नहीं करता है, क्योंकि बाघ बहुत शालीन जानवर है।
 

क्यों मनाया जाता है यह दिन

क्यों मनाया जाता है यह दिन5 / 5

वर्ष में एक दिन यानी 29 जुलाई को इसके नाम इसलिए किया गया है कि बहुत तेजी से घटती बाघों की संख्या पर सबका ध्यान जाए और बाघ के संरक्षण की ओर ध्यान दिया जाए। संसार भर से 97 प्रतिशत बाघ खत्म हो चुके हैं और लगभग 3000 ही कुल जीवित बचे हैं। इनकी संख्या कम होने के कई कारण हैं, जैसे जंगलों का सिमटना, ग्लोबल वार्मिंग, लगातार शिकार करना आदि। इनकी तेजी से घटती संख्या को नियंत्रित करना बहुत जरूरी है, नहीं तो ये खत्म हो जाएंगे। बाघ एक तरह का जंगलों में रखा खुला सोना है। तस्कर इन बाघों का शिकार करते हैं, क्योंकि इनकी खाल, दांत, हड्डियां आदि बहुत महंगी होती हैं। इन्हें खेल, शिकार, परंपरा और दवाइयों के मकसद से मार दिया जाता था, पर अब इनका शिकार करने वालों को वर्षों जेल की सजा होती है।
 

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