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चींटियां भी करती हैं जासूसी और बनाई जाती हैं गुलाम, चींटिंयों के बारे में एेसे ही अनोखे फैक्ट्स जाने यहां

कुछ मामलों में चींटियां हमारे जैसी होती हैं। हमारी तरह ही वे खेती करती हैं और खाना जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। यही नहीं, अपने दुश्मन के आक्रमण से बचने के लिए वे सैनिकों का काम भी करती हैं।...

चींटियां भी करती हैं जासूसी और बनाई जाती हैं गुलाम, चींटिंयों के बारे में एेसे ही अनोखे फैक्ट्स जाने यहां
विमल चतुर्वेदी,नई दिल्लीThu, 11 Jan 2018 01:00 PM
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कुछ मामलों में चींटियां हमारे जैसी होती हैं। हमारी तरह ही वे खेती करती हैं और खाना जुटाने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं। यही नहीं, अपने दुश्मन के आक्रमण से बचने के लिए वे सैनिकों का काम भी करती हैं। चींटियों के बारे में ऐसी ही कुछ मजेदार बातें जाने यहां

दुनिया भर के प्राणियों का सबसे बड़ा समूह
चींटियां दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक प्राणी हैं। इनकी करीब 22 हजार प्रजातियां हैं। ये कॉलोनियों में लाखों की संख्या में रहती हैं। अंंटार्कटिका को छोड़कर पृथ्वी पर हर जगह चींटियां पाई जाती हैं। ये अपने घरों को  बहुत गहरे खोदकर गुफाओं जैसा बनाती हैं, ताकि बारिश के पानी से ये सुरक्षित रह सकें।
परिवार का होता है एक ही मुखिया
चींटियों के परिवार की मुखिया रानी मां होती है। वह क्लोनिंग के तरीके से चींटियों को जन्म देती है। सब उसकी सेवा में लगे रहते हैं। 
करती हैं जासूसी
चींटियों की सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है। जासूस चींटियां भोजन का पता लगाकर मजदूर चींटियों को बुला लाती हैं। फिर वे उसे अपने गोदामों तक पहुंचा देती हैं।
मादा चींटियां रानी के पास
चींटियों की कॉलोनी में केवल मादा चींटियां ही रानी चींटी के साथ रहती हैं। नर चींटियों की कॉलोनी उनके पास ही होती है, जिन्हें ड्रोन कहते हैं। 
दूसरे कबीलों से होते हैं अकसर इनके युद्ध
चींटियों की सबसे बड़ी दुश्मन खुद चींटियां ही हैं। इनके कबीलों में आपस में खूब युद्ध होते हैं। कई बार ये लड़ाई इतनी भयानक होती है कि कई दिनों तक बिना रुके चलती रहती है। 
गुलाम भी बनाई जाती हैं चींटियां
अमेजन चींटियां फार्मिका चींटियों की कॉलोनी पर धावा बोलकर उनकी रानी को मार देती हैं और उनकी चींटियों को गुलाम बना लेती हैं। जब अमेजन रानी चींटी के बच्चे युवा होते हैं, तो उनका उद्देश्य फार्मिका रानी पर आक्रमण करना और उनके अंडों को उठाकर लाना होता है, ताकि गुलामों की कमी पूरी होती रहे।
करती हैं सैनिक का काम
सैनिक चींटियों का काम अपने दल की रक्षा करना होता है। उनके सिर का आकार उनकी गुफा के मुख्य प्रवेश द्वार से मिलता-जुलता है। दुश्मन को रोकने के लिए वे उसे गुफा के द्वार में ऐसे ही फंसा देती हैं, जैसे बोतल में कॉर्क फंस जाती है।
पेड़-पौधों की रक्षक हैं चींटियां
कुछ चींटियां पेड़ की दरारों में रहती हैं। वे पौधों को खाने वाले जीवों और उन पर उगने वाले दूसरे पौधों को खा जाती हैं।
घाव भरने के आती हैं काम
अफ्रीका व अमेजन के आदिवासी आर्मी ऐंट का उपयोग घाव को भरने के लिए करते हैं। घाव के चारों ओर आर्मी ऐंट को छोड़ दिया जाता है। वे घाव के अंदर जबड़ों को ऐसे फंसाती हैं कि खून का बहना बंद हो जाता है। 
बहुत से जीव-जंतु हैं दुश्मन चींटियों के 
जहरीली और आक्रामक होने के बाद भी चींटियों के दुश्मन भी कम नहीं हैं। चिड़िया, मेढक, छिपकली, कई चींटीखोर जानवर व मनुष्य तक इनके दुश्मन हैं।
चींटियों के होते हैं दो पेट 
कुछ चींटियों का एक पेट खाने के लिए होता है और दूसरे पेट में वे रानी चींटी और लार्वा के लिए भोजन का भंडारण करती हैं। इस कारण उनका यह पेट अंगूर के बराबर फूल जाता है। ये चलती-फिरती जीवित पैंट्री जरूरत पड़ने पर अपने दूसरे पेट से भोजन गिराती रहती हैं। 
पानी में भी रहती हैं
 कुछ प्रजातियों की चींटियां पानी की सतह पर चल सकती हैं और कुछ तैर सकती हैं। कुछ चींटियां पानी में 24 घंटे तक जीवित रह सकती हैं। 
टनों मिट्टी को खोदकर देती हैं हटा
आकार के अनुरूप चींटी की मांसपेशियां मनुष्य की अपेक्षा बहुत मोटी होती हैं। ये एक वर्ग मील एरिया में करीब 50 टन मिट्टी को इधर से उधर कर देती हैं। 
 

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