कल्पना फिर न लौटी
आज का दिन भारतीय मूल के तीन ही व्यक्ति अंतरिक्ष में जा पाए हैं। सबसे पहले तो राकेश शर्मा रूस के सहयोग से अंतरिक्ष में गए थे। इसके अलावा दो महिलाएं अमेरिका से अंतरिक्ष में गईं। एक कल्पना...
आज का दिन
भारतीय मूल के तीन ही व्यक्ति अंतरिक्ष में जा पाए हैं। सबसे पहले तो राकेश शर्मा रूस के सहयोग से अंतरिक्ष में गए थे। इसके अलावा दो महिलाएं अमेरिका से अंतरिक्ष में गईं। एक कल्पना चावला और दूसरी सुनीता विलियम्स।
आज ही के दिन यानी 1 फरवरी 2003 को कल्पना जब अंतरिक्ष से धरती पर लौट रही थीं तो उनका यान कोलंबिया दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसपर सवार कल्पना के साथ 6 अन्य अंतरिक्ष यात्री कभी धरती पर न लौट सके।
17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में कल्पना का जन्म हुआ। उन्हें आकाश से इतना प्यार था कि वह बचपन से ही हवाई जहाज के चित्र बनातीं। 20 साल की उम्र में वह अमेरिका चली गईं और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर नासा में काम करना शुरू कर दिया।
उन्हें पहली बार 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला। उनके काम से खुश होकर नासा ने उन्हें फिर 16 जनवरी 2003 को अंतरिक्ष में भेजा।
15 दिन तक वहां काम करके जब सारे अंतरिक्ष यात्री धरती पर लौट रहे थे, तब अंतरिक्ष यान कोलंबिया में विस्फोट हो गया और सारे अंतरिक्ष यात्री मारे गए।