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कतर पर हमला पड़ेगा भारी? UNSC में इजरायल के खिलाफ खड़ा हो गया अमेरिका

कतर पर हमला पड़ेगा भारी? UNSC में इजरायल के खिलाफ खड़ा हो गया अमेरिका

संक्षेप: हमास के सदस्यों को मारने के लिए कतर की राजधानी दोहा में किए गए हमले को लेकर इजरायल की निंदा यूएनएससी में भी की गई है। सदस्य देशों ने कहा कि इस तरह के ऐक्शन से युद्धविराम संकट में पड़ जाएगा। 

Fri, 12 Sep 2025 09:34 AMAnkit Ojha लाइव हिन्दुस्तान
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हमास को नेस्तनाबूत करने के लिए इजरायल किसी भी हद तक जाने को तैयार है। मंगलवार को इजरायली सेना ने कतर की राजधानी दोहा में भी हमला कर दिया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस हमले की निंदा की है। खास बात है कि हर मोर्चे पर इजरायल का साथ देने वाला अमेरिका भी इस निंदा प्रस्ताव में शामिल रहा। यूएनएससी के सदस्यों ने कहा कि युद्ध को खत्म करने के प्रयास जरूरी हैं। वहीं इस तरह के हमलों से युद्धविराम की गुंजाइश ही खत्म हो जाएगी और बंधकों की रिहाई भी सपना ही रह जाएगा। प्रस्ताव में कहा गया, गाजा सिटी में इजरायल की आक्रामकता की वजह से करीब 2 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। बता दें कि कतर अमेरिका का करीबी सहयोगी है।

दोहा में किए गए इजरायली अटैक मे हमास के कम से कम पांच सदस्य मारे गए थे। इसके अलावा कतर सुरक्षाबल का एक जवान भी मारा गया था। हमास नेता कतर में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित डील पर चर्चा के लिए इकट्ठे हुए थे। यूएनएससी के सदस्यों ने कहा है कि इजरायल ने कतर पर हमला करके बहुत गलत किया।

क़तर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद ने यह भी कहा कि उन्हें डर है कि इजराइली हमले ने गाज़ा में बचे हुए 48 बंधकों के लिए "किसी भी उम्मीद को खत्म कर दिया है", जिनमें से 20 के जीवित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि हमले से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने एक बंधक के परिवार से मुलाकात की थी, और वे "इस [युद्धविराम] मध्यस्थता पर ही निर्भर थे और उनके पास कोई और उम्मीद नहीं है"।

कतर और मिस्र, गाज़ा में संघर्ष विराम की मध्यस्थता के प्रमुख प्रयासों में शामिल रहे हैं। अमेरिका के आग्रह पर कतर ने वर्षों से दोहा में हमास के राजनीतिक नेतृत्व को आश्रय दिया है, ताकि इजराइल और हमास के बीच बातचीत की संभावनाएं बनी रहें।

नेतन्याहू की ओर से शेख मोहम्मद की टिप्पणियों पर कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, उन्होंने हमलों का बचाव करते हुए कहा था कि यदि कोई देश चरमपंथियों को आश्रय देता है, तो “या तो वह उन्हें बाहर निकाले या न्याय के कटघरे में लाए, अन्यथा हम कार्रवाई करेंगे।” बता दें कि कतर पर हमले को लेकर भारत ने इजरायल की निंदी की थी। पीएम मोदी मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा था, ‘‘कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से बात की और दोहा में हुए हमलों पर गहरी चिंता जताई। भारत बंधुत्वपूर्ण देश कतर की संप्रभुता के उल्लंघन की निंदा करता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम मुद्दों के बातचीत और कूटनीति के माध्यम से समाधान तथा तनाव को बढ़ने से रोकने का समर्थन करते हैं। भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के समर्थन में तथा सभी तरह के आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ता से खड़ा है।’’

गाज़ा युद्ध की शुरुआत अक्टूबर 2023 में हुई थी, जब हमास के नेतृत्व में चरमपंथियों ने दक्षिणी इजराइल पर हमला कर 1,200 लोगों की हत्या कर दी थी और 251 लोगों को अगवा कर लिया था।

Ankit Ojha

लेखक के बारे में

Ankit Ojha
अंकित ओझा पिछले 8 साल से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंकित ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया से स्नातक के बाद IIMC नई दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया है। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की है। राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय डेस्क पर कार्य करने का उनके पास अनुभव है। इसके अलावा बिजनेस और अन्य क्षेत्रों की भी समझ रखते हैं। हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही पंजाबी और उर्दू का भी ज्ञान है। डिजिटल के साथ ही रेडियो और टीवी के लिए भी काम कर चुके हैं। और पढ़ें

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