
मराठा आरक्षण का विरोध करने वाले की कार में लगाई आग, महाराष्ट्र के जालना में माहौल गरमाया
संक्षेप: नवनाथ वाघमारे ने कहा, ‘मेरी कार को जानबूझकर आग लगाई गई। स्थानीय लोगों ने आग फैलने से पहले इसे बुझाया। मैं डरने वाला नहीं हूं। हम संविधान का पालन करते हैं और इस तरह के कृत्यों का सहारा नहीं लेते।’
महाराष्ट्र के जालना में एक अज्ञात व्यक्ति ने ओबीसी कार्यकर्ता नवनाथ वाघमारे की कार में आग लगा दी। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में रविवार रात करीब 10 बजे नीलम नगर इलाके में यह घटना हुआ। यहां खड़ी कार पर एक शख्स को ज्वलनशील तरल डालकर आग लगाते हुए देखा गया। स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने में मदद की। हालांकि, कार का केवल ऊपरी हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ।

वाघमारे ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि यह कृत्य मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के समर्थकों ने किया, जो जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव के निवासी हैं। वाघमारे ने कदीम जालना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच के लिए सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रही है। वाघमारे और अन्य ओबीसी कार्यकर्ता मराठा समुदाय को ओबीसी कैटेगरी के तहत आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं।
वाघमारे ने लगाए गंभीर आरोप
नवनाथ वाघमारे ने कहा, 'मेरी कार को जानबूझकर आग लगाई गई। स्थानीय लोगों ने आग फैलने से पहले इसे बुझाया। मैं डरने वाला नहीं हूं। हम संविधान का पालन करते हैं और इस तरह के कृत्यों का सहारा नहीं लेते। अगर ओबीसी कार्यकर्ताओं ने जरांगे की कार में आग लगाई होती तो क्या होता?' उन्होंने इस घटना में जरांगे के समर्थकों की भूमिका का आरोप लगाया और पुलिस से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जालना जिला मराठा, ओबीसी, धनगर और बंजारा समुदायों के बीच आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद का केंद्र बना हुआ है।
मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया
ओबीसी कार्यकर्ताओं ने मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठों को कुंबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए हैदराबाद गजट लागू करने का कड़ा विरोध किया है, जिससे मराठा ओबीसी कोटा लाभ के लिए पात्र हो सकें। उनका तर्क है कि मराठों को ओबीसी दर्जा देने से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और मौजूदा अन्य पिछड़ा वर्ग के अवसर कम होंगे। पिछले हफ्ते, बंजारा समुदाय ने एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। फिलहाल बंजारों को विमुक्त जाति और खानाबदोश जनजाति खंड के तहत 3 प्रतिशत कोटा लाभ मिलता है।





