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अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप को सही साबित करने के लिए परमबीर सिंह ने दिए हैं सबूत, पढ़ें उस चैट का अंश

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप को सही साबित करने के लिए एक चैट जारी किया है। इस चैट में परमबीर सिंह और सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी...

अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप को सही साबित करने के लिए परमबीर सिंह ने दिए हैं सबूत, पढ़ें उस चैट का अंश
एजेंसियां,मुंबई।Sun, 21 Mar 2021 06:57 AM
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मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गए आरोप को सही साबित करने के लिए एक चैट जारी किया है। इस चैट में परमबीर सिंह और सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल की बातचीत है। जिसमें दोनों अनिल देशमुख और वाझे की मुलाकात का जिक्र कर रहे हैं।

परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में लगाए गए अपने आरोपों को सही साबित करने के लिए यह चैट जारी किया है। परमबीर और पाटिल के बीच की ये चैट हाल ही में यानी 16 मार्च से 19 मार्च के बीच की है जिसमें पाटिल द्वारा पिछले महीने की घटनाओं को जिक्र किया गया है, जिससे साबित होता है कि गृहमंत्री और उनके सचिव द्वारा पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से वसूली करने के लिए कहा गया था।

चैट के अंश
चैट के परमबीर सिंह पाटिल से कह रहे हैं कि जब तुम (पाटिल) गृहमंत्री और पलांडे (गृहमंत्री का सचिव) से फरवरी महीने में मिले थे तब उन्होंने तुम्हें कितने बार और अन्य संस्थानों के बारे में बताया था, और उनसे आने वाला कुल अनुमानित कलेक्शन कितना था।?इसके जवाब में एसीपी पाटिल ने कहा कि उनकी सूचना के मुताबिक मुंबई में कुल 1750 बार और अन्य संस्थान हैं, प्रत्येक से तीन लाख रुपये लिए जाने थे, जिनसे लगभग 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन अनुमानित था।  पलांडे ने डीसीपी भुजबल के सामने 4 मार्च को यह बताया था।

इस पर परमबीर कहते है कि इससे पहले तुम गृहमंत्री सर से कब मिले थे? एसीपी पाटिल ने कहा, हुक्का ब्रीफिंग से 4 दिन पहले।

परमबीर ने पूछा, सचिन वाझे और गृहमंत्री के बीच मीटिंग की तारीख कौन सी थी? इसपर पाटिल ने कहा, सर मुझे फिक्स तारीख याद नहीं है। फिर परमबीर ने कहा, तुमने कहा था कि ये मीटिंग, तुम्हारी मीटिंग से कुछ दिन पहले हुई थी? पाटिल ने कहा, हां सर।

इसके बाद पूर्व कमिश्नर परमबीर पाटिल को दोबारा 19 मार्च को मैसेज करते हैं। तब परमबीर पाटिल से कहते हैं कि मुझे थोड़ी और जानकारी चाहिए। क्या वाझे गृहमंत्री से मिलने के बाद तुमसे मिला था? एसीपी पाटिल ने कहा, हां सर, वाझे गृहमंत्री से मिलने के बाद मुझसे भी मिले थे।

परमबीर ने पूछा, क्या उसने(सचिन वाझे) तुम्हें कुछ बताया था कि गृहमंत्री ने उसे क्यों बुलाया था। एसीपी ने कहा, उन्होंने मुझे मीटिंग का उद्देश्य बताया था कि मुंबई में 1750 संस्थान हैं, उन्हें (वाझे को) प्रत्येक संस्थान से 3 लाख रुपये हर महीने कलेक्ट करके उन्हें (गृहमंत्री) देने चाहिए।

अब इस चैट के आने के बाद महाराष्ट्र की राजनिति में भूचाल सा आ गया है। भाजपा ने उद्धव ठाकरे को तुरंत इस्तीफा देने को कहा है।

'देशमुख चाहते हैं कि हर महीने 100 करोड़ की हो वसूली'
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर ने महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। हाल में मुबई पुलिस के प्रमुख पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने शनिवार को लेटर में दावा किया कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख चाहते हैं कि पुलिस अधिकारी हर महीने बार और होटलों से कम से कम 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। उन्होंने यह भी कहा कि वाझे को देशमुख का संरक्षण मिला हुआ था। सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर यह दावा किया था।

'मुझे बलि का बकरा बनाया गया'
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में यह भी कहा कि अपने गलत कामों को छुपाने के लिए मुझे बलि का बकरा बनाया गया है। उद्वव ठाकरे को लिखी चिट्ठी में परमबीर सिंह ने कहा, ''आपको बताना चाहता हूं कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने सचिन वाझे​ को कई बार अपने आधिकारिक बंगले में बुलाया और उगाही करने के आदेश दिए। उन्होंने यह पैसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम पर जमा करने के लिए कहा। इस दौरान उनके पर्सनल सेक्रेटरी मिस्टर पलांडे भी वहां पर मौजूद रहते थे। परमबीर सिंह ने आगे लिखा, ''मैंने इस मामले को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार को भी बताया था। मेरे साथ जो भी घटित हुआ या गलत हुआ इसकी जानकारी मैंने शरद पवार को भी दी है।''

''वाझे से उगाही करने को कहा था''
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में लिखा, गृहमंत्री ने सचिन वाझे से कहा था कि मुंबई के 1750 बार रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठानों से 2 से ढाई लाख रुपये वसूली करके सौ करोड़ आसानी से हासिल किया जा सकता है। परमबीर ने लिखा, सचिन वाझे उसी दिन मेरे पास आए और यह चौंकाने वाला खुलासा किया। सिंह ने बताया कि कुछ दिन बाद गृह मंत्री देशमुख ने एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच संजय पाटिल को भी अपने घर पर बुलाया और हुक्का पार्लर को लेकर बात की। मिस्टर पलांडे जो कि अनिल देशमुख के पर्सनल सेक्रेटरी हैं, उन्होंने संजय पाटिल को 40 से 50 करोड़ रुपये जमा करने के लिए कहा था। इस बारे में एसीपी पाटिल ने मुझे भी जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि देशमुख द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद वाझे और पाटिल ने आपस में बातचीत की और दोनों मेरे पास इस मामले को लेकर आए। गृह मंत्री अनिल देशमुख लगातार इस तरह के मामलों में लिप्त रहे हैं और वे कई बार मेरे अधिकारियों को बुलाकर इस तरह के काम उनसे करवाते है। वे बिना मेरी जानकारी के।

परमबीर सिंह झूठे आरोप लगा रहे: अनिल देशमुख
महाराष्ट्र सरकार के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के आरोपों को झूठा करार दिया। देशमुख का कहना है कि परमबीर सिंह कार्रवाई से बचने के लिए झूठा आरोप लगा रहा है। देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह सचिन वाझे मामले में खुद को कानूनी करवाई से बचाने के लिए झूठा आरोप लगा रहे हैं। मनसुख हिरेन केस में भी सचिन वाझे की संलिप्‍तता स्‍पष्‍ट हो रही है और जांच की आंच परमबीर सिंह तक भी पहुंच सकती है। इसी डर के कारण वह मुझ पर गलत आरोप लगा रहे हैं।

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