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मराठा आरक्षण पर ये क्या बोल गए शिंदे के मंत्री, बवाल के बाद अब मांगी माफी

बाद में उन्होंने यह भी कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के प्रबल समर्थक रहे हैं, और एक मंत्री के रूप में, यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके मंत्री पद छोड़ने से पहले समुदाय को कोटा मिले।

मराठा आरक्षण पर ये क्या बोल गए शिंदे के मंत्री, बवाल के बाद अब मांगी माफी
Amit Kumarएजेंसियां,मुंबईMon, 26 Sep 2022 11:36 PM

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एकनाथ शिंदे सरकार के एक मंत्री मराठा आरक्षण को लेकर दिए गए अपने बयान के चलते विवादों में आ गए। महाराष्ट्र के जन स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत ने रविवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि मराठा समुदाय में आरक्षण की "खुजली" शुरु हो गई है। हालांकि मराठा समर्थक संगठनों के साथ-साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), कांग्रेस और शिवसेना जैसे विपक्षी राजनीतिक दलों के हमले के बाद, सावंत ने सोमवार को माफी मांग ली। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि वह मराठा समुदाय के लिए आरक्षण के प्रबल समर्थक रहे हैं, और एक मंत्री के रूप में, यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके मंत्री पद छोड़ने से पहले समुदाय को कोटा मिले।

सावंत ने सोमवार को कटाक्ष किया कि राज्य में सरकार के बदलने के बाद एक बार फिर से समुदाय के लिए आरक्षण की "खुजली" शुरु हो गई है। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल मई में, सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र के कानून को असंवैधानिक करार दिया था। सावंत ने एक कार्यक्रम में कहा, "दो साल तक (मराठा) आरक्षण के संबंध में (उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद) कुछ भी नहीं हुआ। अब, राज्य में सरकार बदलने के बाद, आरक्षण के लिए खुजली है। यहां तक ​​कि मैं भी यह चाहता हूं और मेरी अगली पीढ़ी भी यह चाहती है। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक कि हम इसे (आरक्षण) प्राप्त नहीं कर लेते।"

शिवसेना के शिंदे धड़े के सदस्य सावंत ने कहा, "हमारे नेता एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस हमारी मांग के अनुसार आरक्षण सुनिश्चित करेंगे। जब तक आरक्षण नहीं मुहैया करा दिया जाता, वे तब तक चुप नहीं बैठेंगे।" सावंत आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय के हालिया प्रदर्शनों का जिक्र कर रहे थे। सावंत की टिप्पणी पर मराठा समुदाय के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई। मराठा नेता विनोद पाटिल ने मांग की कि सावंत को सरकार द्वारा चेतावनी दी जानी चाहिए या इसके गंभीर परिणाम होंगे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता और राज्य के पूर्व मंत्री धनंजय मुंडे ने कहा कि इस तरह के बयान देने के लिए लोग हमेशा के लिए सावंत का मंत्री पद छीन लेंगे। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के सदस्य और राज्य विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी मंत्री के बयान की निंदा की। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि उनका बयान आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने सावंत को बर्खास्त करने की मांग की। पटोले ने सावंत की टिप्पणी पर शिंदे और फडणवीस से भी राय देने को कहा।

अपनी टिप्पणी को लेकर निशाने पर आए सावंत ने बाद में माफी मांग ली और कहा कि उनका इरादा मराठा समुदाय की भावनाओं को आहत करने का नहीं था। महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने इस मुद्दे पर कहा, "2014 से 2019 के बीच फडणवीस सरकार ने मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया। इसे उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा। हालांकि, तत्कालीन (महा विकास आघाडी) सरकार उच्चतम न्यायालय में मुकदमा हार गई।" पाटिल ने कहा, "आपने (एमवीए सरकार ने) पिछले ढाई साल में कुछ क्यों नहीं किया? हम भी आपका समर्थन करते। तानाजी सावंत का यही आशय था।"

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