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आंखें बंद कर लीं, यह पिंजरे में बंद तोता; संजय राउत ने अब चुनाव आयोग को घेरा

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने अपने लेख में कहा कि मतदाताओं को रिश्वत देकर वोट हासिल करना चौंकाने वाला है और निर्वाचन आयोग ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है।

Niteesh Kumar भाषा, मुंबईMon, 20 Nov 2023 01:08 AM
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आंखें बंद कर लीं, यह पिंजरे में बंद तोता; संजय राउत ने अब चुनाव आयोग को घेरा

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने चुनाव आयोग पर रविवार को निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग 'पिंजरे में बंद तोता' और एक दिखावा बनकर रह गया है। उन्होंने ईसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यों पर आंख मूंदने का आरोप लगाया। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र सामना में अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोखठोक' में राउत ने बीजेपी पर पांच राज्यों में जहां (नवंबर में) विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, वहां आधार खोने के बाद मतदाताओं को रिश्वत देने के लिए धार्मिक प्रचार का सहारा लेने का भी आरोप लगाया। राउत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पिछले सप्ताह मध्य प्रदेश में दिए गए उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने लोगों से वादा किया था कि अगर भाजपा सत्ता में बनी रहती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर के लिए सरकार द्वारा आयोजित यात्राएं कराएगी। राउत ने कहा कि यह स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर प्रचार था।

शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य ने आरोप लगाया कि अगर ऐसा बयान किसी कांग्रेस नेता ने दिया होता तो प्रवर्तन निदेशालय की तरह निर्वाचन आयोग भी वारंट के साथ दरवाजे पर खड़ा होता। राउत ने कहा कि मतदाताओं को रिश्वत देकर वोट हासिल करना चौंकाने वाला है और निर्वाचन आयोग ने अपनी आंखें बंद कर ली हैं, जो लोकतंत्र के लिए हानिकारक है। अयोध्या में राम मंदिर में प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होनी है। राउत ने कहा, 'पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त टी.एन. शेषन ने अपने कार्यकाल के दौरान दिखाया कि निर्वाचन आयोग को दहाड़ना भी नहीं है, उसे बस अपनी पूंछ हिलानी है और इससे सभी राजनीतिक दलों में डर पैदा हो जाएगा। निर्वाचन आयोग एक दिखावा बन गया है।'

भाजपा ने निर्वाचन आयोग को साध लिया: राउत
संजय राउत ने आरोप लगाया, 'जो कुछ भी हुआ (पांच राज्यों, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव प्रचार के दौरान) ने साबित कर दिया है कि निर्वाचन आयोग पिंजरे में बंद तोता बन गया है।' उन्होंने बताया कि जब 1987 के विले पार्ले उपचुनाव में शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर पार्टी उम्मीदवार रमेश प्रभु के लिए वोट मांगा, तो उनका मतदान का अधिकार 6 साल के लिए रद्द कर दिया गया था। उपचुनाव जीतने वाले शिवसेना के विधायक सूर्यकांत महादिक, रमाकांत मयकर और प्रभु को अयोग्य ठहरा दिया गया था। राउत ने आरोप लगाया, 'उन्होंने (भाजपा ने) निर्वाचन आयोग और अन्य संवैधानिक निकायों को साध लिया और हिंदुत्व की लड़ाई लड़ी।'

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