माइक बंद करना...ममता के ‘अपमान’ पर संजय राउत ने कहा-यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं
नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘अपमान’ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। माइक बंद करने के आरोप पर यह बात शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को कही।
नीति आयोग की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ‘अपमान’ लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। यह बात शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने रविवार को कही। राउत ने पत्रकारों से कहा कि राज्यों के कई मुद्दे हैं, जिनसे निपटने की जरूरत है। किसी मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद करना लोकतांत्रिक मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है। ममता बनर्जी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक बीच में छोड़कर बाहर निकल गई थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें भाषण के दौरान बीच में ही रोक दिया गया। हालांकि, सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता को बोलने के लिए दिया गया समय समाप्त हो गया था।
बैठक में हिस्सा लेने वाली एकमात्र विपक्षी नेता ममता ने आरोप लगाया कि उनके भाषण के पांच मिनट बाद उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया, जबकि आंध्र प्रदेश, गोवा, असम और छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्यादा समय तक बोलने की अनुमति दी गई। नयी दिल्ली में नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक से बाहर निकलने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा कि यह अपमानजनक है। मैं आगे से किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लूंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में ममता बनर्जी को बोलने के लिए पूरा समय दिया गया।
संजय राउत ने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा दिया जाने वाला धन भारत के लोगों का है। इसे विभिन्न करों के रूप में इकट्ठा किया जाता है। महाराष्ट्र को क्या मिला... हमारे मुख्यमंत्री खाली हाथ लौट आए।
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