Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Sanjay Nirupam returns home after 19 years as former Congress MP joins Shiv Sena

19 साल बाद संजय निरुपम की हुई घर वापसी, कांग्रेस छोड़ शिवसेना में शामिल पूर्व सांसद

मूल रूप से बिहार के निवासी निरुपम 1990 के दशक में पत्रकारिता के रास्ते राजनीति में आए। वह मुंबई से प्रकाशित अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ के संपादक बने।

Amit Kumar एजेंसियां, मुंबईFri, 3 May 2024 08:25 PM
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शिवसेना से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले संजय निरुपम की 19 साल के बाद फिर से ‘घर वापसी’ हो गई। कांग्रेस के पूर्व नेता संजय निरुपम शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। मुंबई के पूर्व सांसद ने लगभग दो दशक पहले अविभाजित शिवसेना छोड़ी थी। निरुपम को पिछले महीने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' में शामिल होने के आरोप में कांग्रेस से निष्कासित कर दिया था। 

निरुपम आज मुख्यमंत्री शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में शामिल हो गए। निरुपम अविभाजित शिव सेना के हिंदी मुखपत्र 'दोपहर का सामना' के संपादक रह चुके हैं। निरुपम 2005 में कांग्रेस में शामिल हुए थे और उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव नियुक्त किया गया था। वह 2009 के लोकसभा चुनाव में मुंबई उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता राम नाइक को मामूली अंतर से हराकर सांसद निर्वाचित हुए। कांग्रेस में 19 साल तक रहने के दौरान उन्होंने कई पदों पर काम किया जिनमें से मुंबई इकाई के प्रमुख पद की जिम्मेदारी भी शामिल थी।

कांग्रेस ने पिछले महीने ‘‘अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों’’ के चलते छह साल के लिए उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था। निष्कासन से कुछ दिन पहले ही निरुपम ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर फैसला करने के लिए पार्टी को ‘‘एक सप्ताह का अल्टीमेटम’’ दिया था।

मूल रूप से बिहार के निवासी निरुपम 1990 के दशक में पत्रकारिता के रास्ते राजनीति में आए। वह मुंबई से प्रकाशित अविभाजित शिवसेना के हिंदी मुखपत्र ‘दोपहर का सामना’ के संपादक बने। उनके कार्य से प्रभावित तत्कालीन शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने उन्हें 1996 में राज्यसभा भेजा। निरुपम शिवसेना के मुखर नेता के रूप में उभरे। शिवसेना उस वक्त मुंबई में बसे उत्तर भारतीय मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही थी। हालांकि निरुपम को उस वक्त झटका लगा जब शिवसेना ने 2005 में उनसे राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने को कहा। शिवसेना से मतभेद होने पर अंतत: 2005 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और उसके बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।

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