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महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर? लगातार दूसरे दिन सामने आए 6000 से अधिक नए केस

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए मामलों में दिन पर दिन वृद्धि देखने को मिल रही है। शनिवार को राज्य में लगातार दूसरे 6000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना वायरस के 6281 नए...

महाराष्ट्र में कोरोना की तीसरी लहर? लगातार दूसरे दिन सामने आए 6000 से अधिक नए केस
लाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्लीSat, 20 Feb 2021 09:07 PM
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महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के नए मामलों में दिन पर दिन वृद्धि देखने को मिल रही है। शनिवार को राज्य में लगातार दूसरे 6000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। शनिवार को राज्य में कोरोना वायरस के 6281 नए मामले सामने आए। वहीं मुंबई में भी कोरोना फिर से पैर पसार रहा है। 

मुंबई में शनिवार को कोरोना के 897 नए मामले सामने आए। मुंबई में दिसंबर के बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब एक दिन में कोरोना के इतने मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 6112 नए मामले सामने आए थे। जबकि उससे एक दिन पहले गुरुवार को 5427 केस सामने आए थे। बुधवार को 4787 नए मामले सामने आए।

 वहीं,महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में कोरोना वायरस के 156 नए मामले सामने आए, जिससे जिले में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 48,293 हो गए। एक अधिकारी ने यह शनिवार को यह जानकारी दी। इन नए मामलों का पता शुक्रवार को चला। अधिकारी ने बताया कि इनमें से 143 मामले औरंगाबाद शहर के हैं।

उन्होंने बताया कि जिले में चार मौत हुईं, जिनमें से, तीन जिले के ग्रामीण हिस्सों में हुई हैं, जिससे जिले में मृतकों की संख्या 1,250 हो गई। अधिकारी के अनुसार, दिन में 55 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई, जिससे जिले में ठीक हो चुके लोगों की संख्या बढ़कर 46,342 हो गई। वर्तमान में शहर में 701 मरीजों का इलाज चल रहा है। 

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच शिव सेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सभी सार्वजनिक स्थलों को खोलने के पक्ष में नहीं थे। यहां संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह विपक्ष ही था, जो प्रतिबंधों को हटाने की मांग कर रहा था।

राउत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा की थी और वह महामारी के मद्देनजर कुछ खास स्थलों से प्रतिबंधों को हटाने के इच्छुक नहीं थे। उन्होंने कहा, लेकिन सरकार ने विपक्षी पार्टियों की मांगों की वजह से कुछ स्थानों को खोला।  वह प्रत्यक्ष तौर पर राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए भाजपा द्वारा पिछले साल किए गए विरोध प्रदर्शन का हवाला दे रहे थे। 

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