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Hindi News महाराष्ट्रभाइयों की तकरार बनाएगी BJP सरकार? राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के मायने

भाइयों की तकरार बनाएगी BJP सरकार? राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के मायने

राज ने उद्धव को अपने शिवसेना से बाहर जाने का जिम्मेदार बताया था। बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव ने ही अविभाजित शिवसेना की कमान संभाली थी। वहीं, राज 9 मार्च 2006 में शिवसेना से अलग हो गए थे।

भाइयों की तकरार बनाएगी BJP सरकार? राज ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात के मायने
Nisarg Dixitलाइव हिन्दुस्तान,मुंबईThu, 01 Jun 2023 02:44 PM
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी अन्य राज्यों में अलर्ट मोड में नजर आ रही है। खबर है कि महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ के बाद अब भाजपा राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना से भी आस लगा रही है। हाल ही में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और ठाकरे ने मुलाकात की थी। खास बात है कि इससे कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के मुख्यमंत्रियों की बैठक ली थी।

सोमवार को फडणवीस शिवाजी पार्क स्थित ठाकरे के आवास पर पहुंचे और एक घंटे से ज्यादा समय तक चर्चा की। भाजपा नेता ने कहा, 'कुछ समय पहले यह तय हुआ था कि हम मिलेंगे। तो आज आखिरकार मैंने राज से मुलाकात की। यह मीटिंग राजनीतिक नहीं थी।' खास बात है कि 2024 में लोकसभा चुनाव के अलावा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव और बृह्नमुंबई महानगरपालिका चुनाव भी हैं।

क्या हो सकती है वजह
कहा जा रहा है कि भाजपा खासतौर से बीएमसी चुनाव के लिए मनसे का साथ चाहती है। राज की पार्टी का अब भी मुंबई, नाशिक और पुणे में प्रभाव है। संभावाएं जताई जा रही हैं कि भले ही मनसे सिकुड़ती जा रही हो, लेकिन भाजपा को मनसे में उद्धव ठाकरे का सामना करने का उपाय नजर आता है।

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के एक नेता बताते हैं, 'महाराष्ट्र में मनसे राजनीतिक ताकत नहीं है और शायद सीटें जीतने में मदद भी न करें। लेकिन अगर भाजपा इसे मजबूत कर दे, तो मनसे उद्धव सेना के ऐसे नेताओं के लिए मंच बन सकता है, जो नाराज हैं या जिन्हें 2024 चुनाव के दौरान टिकट देने से इनकार किया जा सकता है।' कुछ भाजपा नेताओं का यह भी मानना है कि राज अब भी भीड़ जुटा सकते हैं।

उद्धव से खफा
चचेरे भाई उद्धव से राज की नाराजगी छिपी नहीं है। मार्च में शिवाजी पार्क में रैली के दौरान मनसे प्रमुख ने कहा था, 'मैंने कभी इसके बारे में बात नहीं, लेकिन शिवसेना से मुझे बाहर करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी।' उन्होंने उद्धव को अपने शिवसेना से बाहर जाने का जिम्मेदार बताया था। बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव ने ही अविभाजित शिवसेना की कमान संभाली थी।

राज का सियासी रिकॉर्ड
शिवसेना से अलग होने के बाद राज ने 9 मार्च 2006 को मनसे का गठन किया था। 2009 विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 288 में से 13 सीटें जीती। हालांकि, तब से ही पार्टी का ग्राफ गिरना जारी है। 2019 में सीटों का आंकड़ा एक पर आ गया था। 2017 में मनसे के 6 उम्मीदवार बीएमसी चुनाव जीते, लेकिन दल बदल कर शिवसेना में चले गए थे।

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