मराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर को चुनौती देगी महाराष्ट्र सरकार
मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर को महाराष्ट्र सरकार चुनौती देगी। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार माराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के...
मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर को महाराष्ट्र सरकार चुनौती देगी। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार माराठा आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे ऑर्डर वाले फैसले को चुनौती देगी। बता दें कि च्चतम न्यायालय ने हाल ही में एक अंतरिम आदेश जारी कर 2018 के उस कानून के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी, जिसमें मराठा समुदाय को आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ स्टे लगाने के साथ ही मराठा आरक्षण का मामला बड़ी बेंच को सौंप दिया है।
अब बड़ी बेंच इस पर विचार करेगी कि क्या सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण 1992 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई 50 फीसदी आरक्षण की सीमा से अधिक हो सकता है? 1992 में इन्दिरा साहनी मामले में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच के फैसले के बाद आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी कर दिया गया था। इस फैसले के मुताबिक सरकार 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण नहीं दे सकती।
Maharashtra Govt will challenge Supreme Court's stay order on Maratha reservation: Maharashtra Minister & Congress leader Ashok Chavan.
— ANI (@ANI) September 17, 2020
दूसरी ओर मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के जालना, पुणे और कोल्हापुर में मराठा समर्थक संगठनों के सदस्यों ने बृहस्पतिवार को प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में समुदाय के लिये आरक्षण जारी रखने को लेकर कदम उठाने की राज्य सरकार से मांग की।
जालना में मराठा महासंघ के कुछ कार्यकर्ताओं ने ''जय भवानी, जय शिवाजी और ''हमें चाहिए आरक्षण के नारे लगाये। उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का उस वक्त रास्ता भी रोका, जब वह टाऊन हॉल इलाके में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद बाहर आ रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने शीघ्र ही हस्तक्षेप किया और तीन कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।
कोल्हापुर में विभिन्न मराठा संगठनों के सदस्यों ने गोकुल मिल्क यूनियन कार्यालय के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया। उन्होंने चेतावनी दी कि वे दूध के टैंकर मुंबई और पुणे नहीं जाने देंगे। एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों को बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया।