फोटो गैलरी

Hindi News महाराष्ट्रलॉकडाउन : मां से मिलने चला आया 1700 KM, क्वारंटाइन होने को कहा तो लगा ली फांसी

लॉकडाउन : मां से मिलने चला आया 1700 KM, क्वारंटाइन होने को कहा तो लगा ली फांसी

कोरोना का खतरा सुन मां ने महाराष्ट्र में काम कर रहे अपने 19 वर्षीय बेटे को घर लौट आने को कहा। लॉकडाउन में भी बेटा हजारों परेशानियां झेलते हुए मां की पुकार पर घर पहुंचा। घर लौटने पर जब मां ने उसे...

लॉकडाउन : मां से मिलने चला आया 1700 KM, क्वारंटाइन होने को कहा तो लगा ली फांसी
Amitएक प्रतिनिधि ,गोदरमान Tue, 12 May 2020 05:35 PM
ऐप पर पढ़ें

कोरोना का खतरा सुन मां ने महाराष्ट्र में काम कर रहे अपने 19 वर्षीय बेटे को घर लौट आने को कहा। लॉकडाउन में भी बेटा हजारों परेशानियां झेलते हुए मां की पुकार पर घर पहुंचा। घर लौटने पर जब मां ने उसे कोरंटाइन सेंटर में रहने को कहा तो बात बेटे को इतनी नागवार गुजरी कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

यह दर्दनाक घटना सोमवार को रंका थाना क्षेत्र के हाटदोहर गांव में घटी। हाटदोहर गांव निवासी नारायण गौड़ का पुत्र मुकेश कुमार सोमवार की दोपहर 12 बजे महाराष्ट्र के शोलापुर से लौटा था। घर आने के बाद मां-बाप ने उसे कोरंटाइन सेंटर में रहने को कहा। बेटे को समझाया कि लोग कह रहे हैं कि कोरंटाइन सेंटर भेजना होगा। इस पर मुकेश ने कुछ नहीं कहा। उसने मां से पूछा कि क्या खाना बना है? मां ने बताया कि आलू की सब्जी और भात बना है। इसके बाद उसने अपने साथ लाया बिस्किट खाकर पानी पीया और अपना बैग लेकर निकल गया।

घर से कुछ ही दूर जाकर एक पेड़ पर उसने गमछा बांधकर फांसी लगा ली। बेटे के देर तक नहीं लौटने पर मां उसे खोजने निकली तो पेड़ पर बेटे को का शव देख चीखने-चिल्लाने लगी। उसकी आवाज सुनकर गांव के लोग पहुंचे। उसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी ने शव को पेड़ से उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

कुछ ऐसा हह हुआ था वाराणसी में भी : 

 वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र की दवा मंडी सप्तसागर के पास का निवासी अशोक केसरी सेंट्रल मुंबई के नागपाड़ा इलाके में एक होटल में काम करता था। लॉकडाउन की घोषणा और संक्रमण के तेजी से प्रसार के बीच 14 दिन पहले ही छह दोस्तों के साथ वाराणसी के लिए निकल गया। जेब में कुछ रुपये लेकर वह सड़क और रेल पटरियों के जरिये 1600 किमी की दूरी पैदल ही तय कर वाराणसी पहुंचा और घर फोन किया। यहां घर पहुंचने पर ना मां ने दरवाजा खोला, ना भाई और भाभी ही ने। जबकि वह जांच के बाद घर पहुंचा था, उसे 14 दिन तक क्वारंटीन का निर्देश मिला था। देर शाम तक दोबारा पुलिस ने बेहाल अशोक को मैदागिन स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत अब ठीक है, पर थकान से वह बेहाल है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें