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आर्यन खान ड्रग्स मामले में नया ट्विस्ट, NCB के गवाह का दावा- मांगे गए थे 25 करोड़

मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में नया मोड़ देते हुए एक स्वतंत्र गवाह ने रविवार को दावा किया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और फरार गवाह केपी गोसावी सहित कुछ अन्य लोगों ने बॉलीवुड...

आर्यन खान ड्रग्स मामले में नया ट्विस्ट, NCB के गवाह का दावा- मांगे गए थे 25 करोड़
भाषा,नई दिल्लीSun, 24 Oct 2021 05:04 PM
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मुंबई क्रूज ड्रग्स मामले में नया मोड़ देते हुए एक स्वतंत्र गवाह ने रविवार को दावा किया कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और फरार गवाह केपी गोसावी सहित कुछ अन्य लोगों ने बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के गिरफ्तार बेटे आर्यन खान को छोडने के लिए 25 करोड़ रुपए की मांग की थी। 

'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने दावा किया आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर डिसूजा नामक एक व्यक्ति को 25 करोड़ रुपये की मांग और मामला 18 करोड़ पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था क्योंकि उन्हें ''आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक)को देने थे।'

सैल ने मीडिया से कहा कि एनसीबी अधिकारियों ने उनसे नौ से 10 कोरे कागजों पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कहा। हालांकि, एनसीबी अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए इसे '' पूरी तरह से झूठ और दुर्भावनापूर्ण'' बताया है। एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेडे के नेतृत्व में इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने क्रूज पोत पर 'नशे' का भंडाफोड़ किया था और उसके बाद मामले में तीन अक्टूबर को आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। इस समय आर्यन मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं। आर्यन खान की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाई कोर्ट में संभवत: 26 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

 गोसावी का निजी बॉडीगार्ड था सैल

सैल, गोसावी के निजी बॉडीगार्ड के तौर पर काम करता था जो वर्ष 2018 के एक धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहा था। सैल छापेमारी की रात गोसावी के साथ था। सैल ने दावा किया कि आर्यन खान को एनसीबी कार्यालय लाए जाने के बाद गोसावी ने डिसूजा से मुलाकात की। इस बीच, एनसीबी ने कहा कि वानखेडे ने आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एजेंसी ने कहा कि मामला अदालत में विचाराधीन है और सैल को अगर कुछ कहना है तो अदालत में अर्जी देनी चाहिए। 

मुंबई में एनसीबी के उप महानिदेशक (डीडीजी) मुथा अशोक जैन ने  बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया के जरिये उन्हें पता चला है कि सैल मामले में गवाह है। बयान में उन्होंने कहा, 'जैसा कि वह (सैल) मामले में गवाह हैं और मामला माननीय अदालत के समक्ष विचाराधीन है, उन्हें कुछ कहना है तो अदालत के समक्ष अनुरोध करना चाहिए, बजाय सोशल मीडिया के जरिए बात कहने की।' उन्होंने कहा कि हलफनामे में कुछ लोगों के खिलाफ सतर्कता (विजिलेंस) संबंधी आरोप भी हैं जो प्रभाकर सैल द्वारा दूसरे लोगों से सुनी गई बातों पर आधारित है। 

सैल ने नोटरी की ओर से सत्यापित हलफनामा तैयार किया है

बयान में कहा गया, 'मुंबई के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे ने विशेष तौर पर इन आरोपों को खारिज किया है। हलफनामे की कुछ सामग्री विजिलेंस से जुडी है, इसलिए हम उन्हें एनसीबी निदेशक को भेज रहे हैं और उनसे आगे की जरूरी कार्रवाई करने का अनुरोध कर रहे हैं।' सैल ने नोटरी द्वारा सत्यापित हलफनामा तैयार किया और दावा किया कि अदालत में उसने इसे जमा किया है। सैल का दावा है कि दो लोगों द्वारा गोसावी को 50 लाख रुपए प्राप्त हुए और बाद में उसने 38 लाख रुपए लौटा दिए। सैल ने दावा किया कि वह दो अक्टूबर की सुबह एनसीबी कार्यालय गया और देखा कि गोसावी ,एनसीबी अधिकारी के साथ नीचे आ रहा है। एनसीबी के जोनल निदेशक भी अपने कार्यालय से बाहर आए थे। सैल ने दावा किया कि दोपहर को गोसावी ने 10-12 तस्वीरें उसके मोबाइल फोन पर भेजी  और पूछा कि क्या वह इनमें से किसी को जानता है जो ग्रीन गेट से क्रूज शिप पर चढने के लिए आया था। सैल ने उनमें से केवल मुनमुन धामेचा की पहचान की थी। 

सैल को गोसावी ने किया था कॉल

सैल का दावा है कि छापेमारी के बाद गोसावी एनसीबी अधिकारियों के साथ सफेद इनोवा कार में आर्यन खान को एनसीबी कार्यालय ले गया। सैल ने हलफनामे में दावा किया कि बाद में डीसूजा और गोसावी निचले परेल इलाके में गए जहां नीले रंग की मर्सिडीज में शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी वहां आईं। गोसावी और ददलानी कार में बैठै और बातचीत की। वे 15 मिनट बाद वापस चले गए। सैल ने दावा किया कि गोसावी ने आखिरी बार 21 अक्टूबर को उसे कॉल किया और कहा कि वह देश में नहीं है। उसने बताया कि वह जल्द पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा। सैल की इस दावे ने सियासी भूचाल ला दिया है। महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को राज्य सरकार से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि नए खुलासे ने एनसीबी की कार्रवाई पर सवाल पैदा कर दिया है। 

नवाब मलिक फिर बोले- दावा बहुत गंभीर है

उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीबी की कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा राज्य की महा विकास अघाडी सरकार को अस्थिर करने की साजिश का हिस्सा होने की आंशका है। पटोले ने कहा, ''स्वतंत्र गवाह प्रभाकर सैल ने हलफनामे में शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपए मांगने और करार 18 करोड़ में तय होने का दावा किया है। राज्य सरकार को इन आरोपों पर संज्ञान लेना चाहिए।'' इस बीच, मामले को लगातार 'फर्जी' बता रहे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सैल का दावा 'बहुत गंभीर' है और उन्होंने इसकी जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने की मांग की। 
    

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