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विधान परिषद के लिए मनोनयन पर फंसा पेच तो सीएम उद्धव ने किया पीएम मोदी को फोन

मुख्यमंत्री के रूप में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति के बीच महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की...

विधान परिषद के लिए मनोनयन पर फंसा पेच तो सीएम उद्धव ने किया पीएम मोदी को फोन
हिंदुस्तान टाइम्स,मुंबई।Wed, 29 Apr 2020 10:59 PM
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मुख्यमंत्री के रूप में अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर अनिश्चय की स्थिति के बीच महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ओर से विधान परिषद के लिए अपने मनोनयन को लेकर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलने के बाद उद्धव ने पीएम को फोन करके उनसे राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि उन्हें मनोनीत किए जाने के प्रस्ताव पर राजनीति हो रही है।

कोरोना संकट के चलते राज्य में विधानसभा या विधान परिषद का उप-चुनाव अभी संभव नहीं है। ऐसे में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि वह अपने कोटे से मुख्यमंत्री को विधान परिषद के लिए मनोनीत करें। राज्यपाल के पास विधान परिषद में दो सदस्यों करने को मनोनीत करने का अधिकार है। हालांकि, राज्यपाल ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। अगर राज्यपाल एक महीने के भीतर ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत नहीं करते हैं, तो उनका मुख्यमंत्री बने रहना संभव नहीं होगा और इस्तीफा देना पड़ सकता है।

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राज्य की कैबिनेट ने विधान परिषद के लिए उद्धव ठाकरे को मनोनीत करने की सिफारिश की थी। 20 दिन बाद भी जब राज्यपाल कोश्यारी ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की तो मंगलवार को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के मंत्रियों का प्रतिनिधमंडल उनसे मिला और उद्धव ठाकरे को विधान परिषद के लिए मनोनीत करने का आग्रह किया।

शिवसेना के नेता ने बताया कि जब उद्धव ठाकरे को यह संकेत मिला है कि मनोनयन पर कोई फैसला लेने से पहले कोश्यारी केंद्र से विचार-विमर्श करेंगे तो उन्होंने सीधे पीएम मोदी को फोन करने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि राज्य की राजनीतिक स्थिति में हस्तक्षेप करें अन्यथा कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में राज्य की कोशिशें प्रभावित हो सकती हैं। गौरतलब हैं कि महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या सबसे अधिक है।

उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली ती और उन्हें छह महीने के भीतर यानी 27 मई तक राज्य के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। शिवसेना उद्धव के मनोनयन को लेकर अनिश्चय की स्थिति से निपटने के लिए कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही है।

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