भाजपा ने त्याग किया और दर्द उद्धव को होगा, कैसे एकनाथ शिंदे को CM बनाकर किया बड़ा खेल; इनसाइड स्टोरी
Eknath Shinde News: भाजपा की लीडरशिप को चौंकाने वाले फैसलों के लिए जाना जाता है। ऐसा ही एक निर्णण महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी एकनाथ शिंदे को देकर लिया गया है। यह शिवसेना के लिए झटका माना जा रहा है।
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Eknath Shinde News: भाजपा की मौजूदा लीडरशिप को चौंकाने वाले फैसलों के लिए जाना जाता है। ऐसा ही एक निर्णण महाराष्ट्र के सीएम की कुर्सी एकनाथ शिंदे को देकर लिया गया है। एकनाथ शिंदे कैंप की शिवसेना से बगावत से लेकर अब तक यही माना जा रहा था कि उनके समर्थन से भाजपा सरकार बनाएगी और कमान देवेंद्र फडणवीस के हाथों में होगी। लेकिन अब एकनाथ को ही महाराष्ट्र का 'नाथ' बनाकर भाजपा ने मास्टरस्ट्रोक चल दिया है, जिसका अनुमान किसी भी राजनीतिक पंडित ने नहीं लगाया था।
एकनाथ शिंदे होंगे महाराष्ट्र के CM, फडणवीस अब किंग नहीं किंगमेकर होंगे
भाजपा को इस 'त्याग' का बड़ा फल आने वाले वक्त में मिलने के कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे को करारा झटका लग सकता है। कहा जा रहा है कि भाजपा ने इस दांव के जरिए उद्धव ठाकरे से सत्ता छीनने के बाद पार्टी और बालासाहेब की विरासत से भी उन्हें बेदखल करने की कोशिश की है। दरअसल उद्धव ठाकरे लगातार इमोशनल कार्ड खेल रहे थे और खुद को बालासाहेब की विरासत का असली वारिस बता रहे थे। यही नहीं उनका कहना था कि भले ही सरकार वो लोग बना लें, लेकिन मेरे पास शिवसेना रहेगी। ऐसे में भाजपा ने शिवसेना के ही बागी एकनाथ शिंदे को सीएम बना दिया है ताकि पार्टी के ज्यादातर लोग प्रभावित होकर शिंदे के खेमे में आ जाएं।
फडणवीस क्यों बने 'त्यागी', एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने के पीछे यह प्लान
ऐसा होता है तो शिवसेना बेहद कमजोर होगी और दो धड़ों में बंटी पार्टी आने वाले वक्त में उसे चुनौती नहीं दे पाएगी। इसके अलावा अपने फायदे को लेकर भी शायद भाजपा ने यह फैसला लिया है। दरअसल 2019 में भी अजीत पवार को साथ लेकर देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली थी, लेकिन 80 घंटे तक ही सत्ता में रह पाए थे। ऐसे में अब एकनाथ शिंदे को सीएम बनाकर भाजपा ने यह साबित कर दिया है कि वह सत्ता की लालची नहीं है। दूसरा किंगमेकर बनकर वह सत्ता का संचालन भी कर सकेगी।
शिवसेना का मराठी कार्ड होगा फेल, भाजपा कर गई खेल
दरअसल शिवसेना एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से ही मराठी कार्ड चल रही थी। उसका कहना था कि हम महाराष्ट्र के लोगों की पार्टी हैं और भाजपा कभी किसी शिवसैनिक को सत्ता में नहीं आने देगी। लेकिन भाजपा ने इस दांव को चलकर उसके दोनों दांवों की काट कर दी है। इसके जरिए भाजपा मराठा बेल्ट में अपनी दावेदारी ठोक सकेगी और बालासाहेब की विरासत की सच्ची वारिस होने का भी दावा करेगी। बता दें कि बिहार में भाजपा ने ऐसा ही किया था, जब 2020 के विधानसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर जीत के बाद भी नीतीश कुमार को ही सरकार बनाने का मौका दे दिया था।