Hindi Newsमहाराष्ट्र न्यूज़Bombay High Court sought details special train for migrants from Center and Maharashtra Govt
मजदूरों की दुर्दशा पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से मांगा ब्योरा

मजदूरों की दुर्दशा पर कोर्ट ने लिया संज्ञान, श्रमिक स्पेशल ट्रेन को लेकर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार से मांगा ब्योरा

संक्षेप: बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों और अन्य को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जा रही विशेष रेलगाड़ियों के ब्योरे उपलब्ध कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया और...

Fri, 15 May 2020 06:37 PMएजेंसी मुंबई
share Share
Follow Us on

बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को प्रवासी श्रमिकों और अन्य को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जा रही विशेष रेलगाड़ियों के ब्योरे उपलब्ध कराने का शुक्रवार को निर्देश दिया और पूछा कि इन सेवाओं का परिचालन कब तक किया जाएगा। उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के न्यायमूर्ति ए आर बोरकर ने केंद्र एवं राज्यों को इन विशेष रेलगाड़ियों में यात्रा कर रहे व्यक्तियों के टिकट किराए का खर्च कौन उठाएगा, उस पर अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। 

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

अदालत प्रवासी, दिहाड़ी मजदूरों और पैदल अपने गृह राज्यों को लौट रहे लोगों की दुर्दशा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता देवेन चौहान ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि रेलवे केवल 17 मई तक विशेष ट्रेनें चला रही है। अदालत ने तब रेलवे को देश के विभिन्न हिस्सों से लाई जा रही विशेष ट्रेनों के ब्योरे देते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति बोरकर ने कहा, हलफनामे में यह भी बताया जाना चाहिए कि विशेष ट्रेनें किस तारीख तक प्रवासियों और फंसे हुए अन्य लोगों को उनके गृह राज्यों तक ले जाएंगी। अदालत को आठ मई को अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया था कि बंबई उच्च न्यायालय की प्रधान पीठ ने अपने आदेश में पाया था कि केंद्र एवं राज्य सरकारें टिकट का खर्च साझा करेंगी। 

सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने इस खर्च के लिए 57 करोड़ रुपये जारी किए हैं। अदालत ने केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को अपने हलफनामे में इसका भी उल्लेख करने का निर्देश दिया और मामले में अगली सुनवाई 19 मई को तय की।