जनता की भलाई के लिए BMC को पैसे खर्च करना चाहिए... मुंबई की खस्ताहाल सड़कों पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
बंबई हाई कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि बीएमसी को जनता की भलाई के लिए पैसा खर्च करना चाहिए और शहर की गड्ढों वाली सड़कों के लिए कुछ करना चाहिए। कोर्ट ने दो साल पहले अगल स्थिति थी।
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बंबई हाई कोर्ट ने मुंबई की गड्ढो वाली सड़कों के लेकर बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) की खिंचाई की है। कोर्ट ने कहा कि बीएमसी को जनता की भलाई के लिए पैसा खर्च करना चाहिए और शहर में गड्ढों वाली सड़कों को लेकर नागरिकों के लिए कुछ करना चाहिए। अदालत मुंबई में और राज्य के अन्य स्थानों पर सड़कों की हालत पर तथा गड्ढों वाली सड़कों के कारण होने वाली मौत के बढ़ते मामलों के संबंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस माधव जामदार की खंडपीठ ने बीएमसी आयुक्त इकबाल चहल को अगले सप्ताह किसी दिन मुलाकात का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, 'हम चाहते हैं कि मिस्टर चहल अगले सप्ताह किसी दिन अपनी सुविधा से हमसे आकर मिलें। तब तक उन्हें अपने अधिकारियों के माध्यम से मुंबई की 20 सबसे खराब सड़कों का सर्वे का काम कराना होगा।'
दो साल बाद हालात बदल गए
जस्टिस दत्ता ने कहा कि 2020 में जब वह मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के बाद यहां आए थे तो उन्होंने ऐसे ही मुद्दों पर एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा, 'उस समय मैंने यह कहकर सुनवाई से इनकार कर दिया कि मुंबई की सड़कों की हालत फिर भी अपेक्षाकृत अच्छी है। लेकिन अब दो साल बाद हालात बदल गए हैं।'
जज बोले- मैं अन्य लोगों की तरह ज्यादा नहीं घूमता फिर भी...
उन्होंने कहा, 'मैं मुंबई में अन्य लोगों की तरह ज्यादा नहीं घूमता, लेकिन आप मेरे घर (दक्षिण मुंबई में) के सामने की ही सड़क की हालत देखिए जहां अनेक वीआईपी रहते हैं। मैं यह नहीं कह सकता कि आकर मेरे घर के बाहर की सड़क सही करिए। अदालत ने कहा कि न्यायाधीश भी नागरिक हैं और बीएमसी को सभी नागरिकों के लिए कुछ करना चाहिए।