शरद पवार के इशारे पर 2019 में महाराष्ट्र में हुआ था खेला, NCP नेता ने ही किया खुलासा
साल 2019 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ था। दवेंद्र फडणवीस के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी।

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साल 2019 में बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन टूटने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ था। दवेंद्र फडणवीस के साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता अजीत पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी। इस घटना के तीन साल से अधिक बीतने के बाद एनसीपी के ही एक नेता ने दावा किया है कि भतीजे के इस फैसले में एनसीपी के मुखिया शरद पवार की भी सहमति थी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा है कि शरद पवार शायद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते थे, इसलिए उन्होंने बाद में शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने शरद पवार को 'शकुनी' कहा है। वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे कैंप) के नए-नवेले साथी प्रकाश अंबेडकर ने दावा किया है कि शरद पवार अभी भी भाजपा के साथ हैं।
जयंत पाटिल ने दावा किया कि 2019 में अजीत पवार का यह कदम विद्रोह नहीं था। उन्होंने कहा, "उस समय राज्य में राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए इसके अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं था।'' आपको बता दें कि नवंबर 2019 में अजीत पवार के समर्थन से बनी देवेंद्र फडणवीस सरकार सिर्फ तीन दिन चली थी।
उस समय शरद पवार ने कहा था कि अजीत पवार के इस फैसले को पार्टी की मंजूरी नहीं है। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, "महाराष्ट्र में एनसीपी के प्रमुख जयंत पाटिल खुद दावा कर रहे हैं कि उनके मतदाताओं को ठगने की साजिश रची गई थी। लोगों ने भाजपा को वोट दिया था। हालांकि वे शायद फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूत में नहीं देखना चाहते थे। शायद पाटिल शरद पवार को बदनाम करने के लिए ऐसा कह रहे हैं।''