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Hindi News महाराष्ट्रकेमिस्ट हत्या मामला में आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाई गई, कोर्ट से बोला NIA- केस के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं

केमिस्ट हत्या मामला में आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाई गई, कोर्ट से बोला NIA- केस के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं

कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनआईए ने कहा कि आरोपियों ने मिलकर साजिश रची थी तथा एक संदिग्ध अभी फरार है। उसने कहा कि मामले में आगे की जांच के लिए आरोपियों को राजस्थान ले जाने की जरुरत है।

केमिस्ट हत्या मामला में आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाई गई, कोर्ट से बोला NIA- केस के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं
Ashutosh Rayएजेंसी,मुंबईFri, 15 Jul 2022 09:50 PM

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महाराष्ट्र के अमरावती में बीजेपी की निलंबित नेत नूपुर शर्मा कथित तौर पर समर्थन करने को लेकर एक केमिस्ट की हत्या के आरोपियों की हिरासत अवधि 22 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। एनआईए ने शुक्रवार को अदालत से कहा कि अमरावती में एक केमिस्ट की हत्या के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं। जिसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तार सात आरोपियों की एनआईए हिरासत अवधि बढ़ा दी।

केमिस्ट उमेश कोल्हे की 21 जून को चाकू मारकर हत्या कर दी गयी थी। वह अपनी दुकान बंद करने के बाद रात में घर लौट रहे थे। उमेश कोल्हे ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी का समर्थन किया था। एनआईए ने इस घटना की जांच अमरावती पुलिस से अपने हाथ में ले ली है। एजेंसी ने आरोपियों की प्रारंभिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें शुक्रवार को यहां विशेष एनआईए अदालत के समक्ष पेश किया। 

वारदात से एक रात पहले भी हत्यारों ने किया अमरावती केमिस्ट का इंतजार... तब जल्दी बंद कर दी थी दुकान

जांच एजेंसी बोली- मामला बहुत गंभीर है

एनआईए ने आरोपियों को और आठ दिनों के लिए हिरासत में दिए जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है और इसके राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव हैं। एजेंसी ने कहा कि इस हत्या के पीछे का मकसद समाज के एक तबके को आतंकित करना था।

दोस्तों के बीच आपसी लड़ाई को एनआईए ने नकारा

एजेंसी ने बचाव पक्ष के वकीलों के इस दावे का खंडन किया कि यह घटना दोस्तों के बीच आपसी लड़ाई का नतीजा थी। बचाव पक्ष के वकील शरीफ शेख ने हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का विरोध करते हुए कहा कि कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने दावा किया कि कोल्हे की हत्या उदयपुर की घटना से पहले हुई थी और जांच एजेंसी इसे अलग रंग देने की कोशिश कर रही है।

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