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महाराष्ट्र के 64.52 लाख उपभोक्ताओं ने अप्रैल से नहीं किया है बिजली बिलों का भुगतान: MSEDCL

महाराष्ट्र में करीब 64.52 लाख उपभोक्ताओं ने 1 अप्रैल के बाद बिजली बिल नहीं भरा है। महाराष्ट्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से राज्य के लगभग 64.52 लाख...

महाराष्ट्र के 64.52 लाख उपभोक्ताओं ने अप्रैल से नहीं किया है बिजली बिलों का भुगतान: MSEDCL
हिन्दुस्तान टाइम्स,मुंबईThu, 19 Nov 2020 08:02 AM
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महाराष्ट्र में करीब 64.52 लाख उपभोक्ताओं ने 1 अप्रैल के बाद बिजली बिल नहीं भरा है। महाराष्ट्र बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 अप्रैल से राज्य के लगभग 64.52 लाख उपभोक्ताओं ने अपने बिजली बिलों के लिए एक रुपये तक का भुगतान नहीं किया है। बता दें कि द स्टेट डिस्कॉम राज्य में 2 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करता है।

नवंबर में स्टेट डिस्कॉम द्वारा जारी एक सर्कुलर के अनुसार, इस वर्ष 7,154 करोड़ (अक्टूबर तक) बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया है। इसमें से हाई एंड यूजर (जो ज्यादा बिजली खपत करते हैं) के पास बकाया राशि 946 करोड़ है, जबकि लो एंड उपयोगकर्ता की बकाया राशि 5,050 करोड़ है। स्ट्रीट लाइट और अन्य चीजों पर लाइटों पर करीब 700 करोड़ का बकाया राशि है। 

परिपत्र के अनुसार, इसने विभिन्न कर्मचारियों को साल के अंत तक बकाया वसूलने के लक्ष्य के साथ भूमिकाएँ सौंपी हैं। MSEDCL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कर्मचारियों को उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है ताकि वे उन्हें विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दे सकें और साल के अंत तक अपने लक्ष्य हासिल कर सकें।"

बिजली की बकाया राशि की रिकवरी के लिए कंपनी ने हर कर्मचारियों को टारगेट दे रखा है। सर्कुलर के मुताबिक, इसने विभिन्न कर्मचारियों को साल के अंत तक बकाया वसूलने टारगेट दिया है।  MSEDCL के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "कर्मचारियों को उपभोक्ताओं और जनप्रतिनिधियों से संपर्क करने के लिए कहा गया है ताकि वे उन्हें विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दे सकें और साल के अंत तक अपने लक्ष्य हासिल कर सकें।"

अगस्त में राज्य ने कहा था कि वह अप्रैल, मई और जून के लिए अधिशेष (सरप्लस) राशि को प्रभावित करके अतिरिक्त बिलों को माफ करने की योजना बना रहा हैं। अक्टूबर में राज्य के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने भी कहा था कि उपभोक्ताओं को दिवाली के दौरान अच्छी खबर मिलेगी। हालांकि, मंगलवार को राउत ने घोषणा की कि राज्य अपनी खराब वित्तीय स्थिति और केंद्र सरकार से सहायता की कमी के कारण उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं दे सकेगा। 

अब इस पर सियासत भी तेज है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महाराष्ट्र विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि इसने उन लोगों के साथ विश्वासघात किया है जो महामारी के दौरान कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं। विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि राउत बिजली कंपनियों को हुए नुकसान से संबंधित गलत आंकड़े देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्धव  सरकार महाराष्ट्र के लोगों को धोखा दे रही है। अपनी विफलता को कवर करने के लिए उद्धव सरकार के मंत्री अब केंद्र सरकार पर उंगली उठा रहे हैं। 
 

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