
शिवसेना के मंत्री और विधायक ने भी विपक्ष के सुर में सुर मिलाया; मतदाता सूची में सुधार की मांग की
संक्षेप: गायकवाड़ ने पूछा कि चुनाव आयोग दोहरी मतदाता सूची और उन लोगों के नाम क्यों नहीं हटा रहा है जिनके नाम मर जाने के बावजूद सूची में हैं? उन्होंने आगे कहा कि सूची में ऐसे मतदाता भी हैं जो 30 साल पहले जिले में रहते थे।
मतदाता सूची में विसंगतियों को दूर करने की विपक्ष की मांग के बीच सत्तारूढ़ शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ ने भी इसी तरह की मांग की और चुनाव आयोग से दोहरी मतदाता सूची और उन लोगों के नाम हटाने को कहा जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम सूची में हैं। पत्रकारों से बातचीत में गायकवाड़ ने कहा कि मतदाता को आधार कार्ड और मृत्यु प्रमाण पत्र से भी जोड़ा जाना चाहिए ताकि मतदाता की मृत्यु के बाद उसका नाम तुरंत सूची से हटाया जा सके।
गायकवाड़ ने पूछा, "चुनाव आयोग दोहरी मतदाता सूची और उन लोगों के नाम क्यों नहीं हटा रहा है जिनके नाम मर जाने के बावजूद सूची में हैं?" उन्होंने आगे कहा कि सूची में ऐसे मतदाता भी हैं जो 30 साल पहले जिले में रहते थे। उन्होंने ऐसे मतदाताओं की संख्या एक लाख बताई। उन्होंने सवाल किया कि चुनाव आयोग ने 25 जुलाई को मतदाता सूची पर रोक लगा दी है, लेकिन उन लोगों का क्या होगा जो अंतिम तिथि के बाद मतदान के पात्र हुए हैं।
रत्नागिरी में शिवसेना मंत्री योगेश कदम ने कहा कि अगर विसंगतियों को दूर करने की मांग है तो यह उनकी पार्टी की भी मांग होगी। गृह (शहरी) विभाग में राज्य मंत्री कदम ने कहा, "इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर मतदाता सूची में दोहरे मतदाता हैं तो चुनाव आयोग को इसमें सुधार करना चाहिए।" मुंबई में राकांपा (सपा) नेता रोहित पवार ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति के प्रतिकूल परिणामों के बाद फर्जी मतदाताओं का पंजीकरण, वास्तविक मतदाताओं का बड़ी संख्या में विलोपन और मतदाताओं का दोहरा पंजीकरण जैसी गड़बड़ियां हुई हैं।
पवार ने दावा किया कि ‘‘ गैर समर्थक’’ मतदाताओं को मृत दिखाया गया और मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी मतदान हुआ। राकांपा नेता ने बताया कि 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों के बीच 32 लाख मतदाता जुड़े, यानी प्रति वर्ष 6.5 लाख मतदाता या प्रति माह 54,000 मतदाता जुड़े। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बीच सिर्फ छह महीनों में 48 लाख मतदाता जुड़े।
उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद उनके कर्जत जामखेड विधानसभा क्षेत्र में 14,292 मतदाताओं के नाम जोड़े गए, 5,360 नाम हटाए गए और 14,162 दोहरे नाम मतदाता सूची में डाले गए। राकांपा (सपा) विधायक ने कहा कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां एक निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के आधार कार्ड का इस्तेमाल किसी दूसरे निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता के पंजीकरण के लिए किया गया, जिसमें फोटो और नाम बदल दिया गया।
बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे और विपक्षी दलों के नेताओं ने मतदाता सूची में गंभीर अनियमितताओं का हवाला देते हुए एक संवाददाता सम्मेलन किया था। हालांकि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बुधवार को मतदाता सूचियों में छेड़छाड़ के विपक्ष के दावों को खारिज कर दिया और उन पर अपने एजेंडे के अनुकूल अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाया। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पुत्र एवं कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि महा विकास अघाड़ी गुट केवल उन्हीं मुद्दों को उठाता है जो राजनीतिक रूप से सुविधाजनक हों।

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Madan Tiwariलखनऊ के रहने वाले मदन को डिजिटल मीडिया में आठ साल से अधिक का अनुभव है। लाइव हिन्दुस्तान में यह दूसरी पारी है। राजनीतिक विषयों पर लिखने में अधिक रुचि है। नेशनल, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स, यूटीलिटी, एजुकेशन समेत विभिन्न बीट्स में काम किया है। लगभग सभी प्रमुख अखबारों के संपादकीय पृष्ठ पर 200 से अधिक आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं। खाली समय में लॉन टेनिस खेलना पसंद है।
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