अटल और आडवाणी के आगे भी मुंबई से चलती थी शिवसेना, अब एकनाथ शिंदे ने सब दांव पर लगाया: संजय राउत
- संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर में भी शिवसेना मुंबई से ही चलती थी मगर अब शिंदे को अपने फैसलों के लिए दिल्ली पर निर्भर होना पड़ रहा है।
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर जारी खींचतान पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महायुति गठबंधन पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में सवाल उठाया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे आने के सात दिन बाद भी भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां मुख्यमंत्री का फैसला क्यों नहीं कर पाई हैं। उन्होंने एकनाथ शिंदे पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के दौर में भी शिवसेना मुंबई से ही चलती थी मगर अब शिंदे को अपने फैसलों के लिए दिल्ली पर निर्भर होना पड़ रहा है।
राउत ने कहा, "महायुति के पास स्पष्ट बहुमत है, फिर भी सात दिन बाद भी वो मुख्यमंत्री का नाम नहीं दे पाए। आखिर क्या वजह है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और उनके नेता क्यों फैसला नहीं कर पा रहे? एकनाथ शिंदे बालासाहब ठाकरे का नाम लेकर राजनीति करते हैं, लेकिन उनके सारे फैसले दिल्ली में होते हैं।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत आगे कहा, "बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना का भविष्य कभी दिल्ली में तय नहीं हुआ, ये हमेशा मुंबई से तय हुआ। अटल जी और आडवाणी जी का दौर था, तब भी हम दिल्ली नहीं जाते थे। हमें उनके सामने जाकर कुछ मांगने की जरूरत नहीं होती थी।"
गौरतलब है कि बुधवार को महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि मुख्यमंत्री का अंतिम फैसला प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे और शिवसेना उसे स्वीकार करेगी। इसी बीच, बुधवार को नागपुर में मीडिया से बातचीत में पूर्व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति के भीतर कोई मतभेद नहीं है। सभी बड़े फैसले दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ होने वाली बैठक में लिए जाएंगे। इस बैठक में अमित शाह के साथ एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार शामिल होंगे।