आर्मी ऑफिसर बताकर करती थी ठगी, पुलिस हिरासत में आरोपी महिला; वर्दी और हथियार बरामद
आरोपी महिला के पास से कई अवॉर्ड, मेमंटो और कुछ कार्यक्रमों के न्योते भी बरामद हुए, जिनमें उसे कैप्टन रुचिका जैन के नाम से संबोधित किया गया। एक एयर पिस्टल भी मिली, जिस पर 'इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं' लिखा था।

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में पुलिस ने 48 साल की महिला को हिरासत में लिया है, जो खुद को आर्मी ऑफिसर बताकर लोगों को ठग रही थी। पुलिस ने उसके पास से आर्मी की वर्दी और हथियार बरामद किए हैं। महिला का नाम रुचिका जैन है और उसके खिलाफ दौलताबाद पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि उसके पास से आर्मी की वर्दी, एक बैज जिस पर 'पैरा' लिखा था और रैंक के लिए इस्तेमाल होने वाले तीन स्टार, नेम प्लेट, चार मेडल और आर्मी यूनिफॉर्म में उसकी फोटो मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी महिला के पास से कई अवॉर्ड, मेमंटो और कुछ कार्यक्रमों के न्योते भी बरामद हुए, जिनमें उसे कैप्टन रुचिका जैन के नाम से संबोधित किया गया था। पुलिस ने एक एयर पिस्टल, जिस पर 'इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं' लिखा था और एक एयर गन भी जब्त की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी महिला से इसे लेकर पूछताछ की जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि वह इस तरह की धोखाधड़ी कब से कर रही थी और उसके साथ कौन लोग मिले हुए हैं।
सजा खत्म करने के लिए कानूनों की समीक्षा
महाराष्ट्र सरकार ने आम लोगों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से कुछ नए कदम उठाए हैं। केंद्र सरकार की व्यापक पहल के तहत कुछ मामलों में जेल की सजा खत्म करने के लिए राज्य के 6 कानूनों की समीक्षा शुरू कर दी गई है। इन कानूनों को हटाकर इनके बदले में राज्य में जनविश्वास कानून लागू किया जाएगा। सरकारी प्रस्ताव के अनुसार, राज्य सरकार ने समीक्षा के लिए छह प्रमुख कानूनों की पहचान की है जिनमें उल्लंघन के लिए दंडात्मक प्रावधान और कारावास की सजा का प्रावधान है। इन कानूनों में महाराष्ट्र सहकारी समिति कानून 1960, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कानून 1961, महाराष्ट्र ट्रेड यूनियनों की मान्यता और अनुचित श्रम व्यवहार निवारण कानून 1971, महाराष्ट्र स्टाम्प कानून 1958, बॉम्बे औद्योगिक संबंध कानून 1946 और महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता कानून 1966 शामिल हैं।




