बलि का बकरा कैसे बन गए चाचा, बहन के बाद अब भतीजे की बारी; पवार परिवार में नया घमासान?
रोहित ने यह हमला तब बोला है, जब एक दिन पहले ही उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने यह स्वीकार किया है कि बारामती लोकसभा में बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाना उन्होंने गलती की थी। अजित पवार के इस कबूलनामे के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है।
महाराष्ट्र के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार यानी पवार परिवार में एक बाऱ फिर से घमासान छिड़ने के आसार हैं। इस बार निशाना शरद पवार के पोते और एनसीपी विधायक रोहित पवार हो सकते हैं। उन्होंने खुद इसका अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा है कि चाचा दिल्ली में बैठे गुजराती नेताओं के इशारे पर अब बुआ के बाद अपने भतीजे को निशाना बना सकते हैं। रोहित पवार ने फेसबुक पर एक लंबा पोस्ट लिखा है, जिसमें उन्होंने चाचा पर दिल्ली के इशारे पर बलि का बकरा बन जाने का आरोप लगाया है।
रोहित ने यह हमला तब बोला है, जब एक दिन पहले ही उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने यह स्वीकार किया है कि बारामती लोकसभा में बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उम्मीदवार बनाना उनकी गलती थी। अजित पवार के इस कबूलनामे के बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हो रही है। इसी के बाद शरद पवार खेमे की एनसीपी के विधायक रोहित पवार ने चाचा अजित पवार को खरी-खोटी सुनाई है। रोहित ने कहा कि आप भले इसे 'गलती' बता रहे हैं, लेकिन असल में यह दिल्ली में बैठे गुजरात के नेताओं का दबाव था।
रोहित पवार ने कहा है कि जिस कलाकार ने ये साजिश रची और महाराष्ट्र को बर्बाद किया, उसे महाराष्ट्र की स्वाभिमानी जनता की मदद से एक दिन राज्य के राजनीतिक मंच से जरूर हटा दिया जाएगा। रोहित ने लिखा है, "आदरणीय दादा, यह तो तय था कि सुप्रियाताई के खिलाफ सुनेत्रा काकी को मैदान में उतारने का फैसला दादा का नहीं हो सकता। आपने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में माना कि यह एक गलती थी, लेकिन आपके सहयोगी इसके उलट प्रचार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह दादा का फैसला था। भले ही आप इसे 'गलती' कहें, लेकिन असल में यह दिल्ली में बैठे गुजरात के नेताओं का दबाव था। अब चर्चा यह भी है कि विधानसभा चुनाव में मेरे निर्वाचन क्षेत्र के मामले में भी आप पर ऐसा ही दबाव है।"
रोहित ने बीजेपी पर परोक्ष निशाना साधते हुए आगे लिखा है, “हालांकि दबाव के आगे झुकना एक व्यक्तिगत मामला है। आपने स्वाभिमान, विचारधारा और साहेब को छोड़कर भाजपा की मंडली स्वीकार कर ली और देखते-देखते एक योग्य नेता बलि का बकरा बन गया लेकिन एक पार्टी कार्यकर्ता और भतीजे के रूप में यह हमेशा दुखद रहेगा। जो कलाकार ये साजिश रच रहा है और महाराष्ट्र को बर्बाद कर रहा है, उसे महाराष्ट्र की स्वाभिमानी जनता की मदद से एक दिन राज्य के राजनीतिक मंच से अवश्य हटा दिया जाएगा।”
अजित पवार ने मंगलवार को कहा था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को चचेरी बहन सुप्रिया सुले के खिलाफ उतारकर गलती की थी। महाराष्ट्र में साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के बीच पहुंच बनाने की कवायद के तहत राज्य भर में ‘जन सम्मान यात्रा’ निकाल रहे अजित ने कहा कि राजनीति को घर-परिवार से बाहर रखना चाहिए। बता दें कि लोकसभा चुनाव में सुनेत्रा पवार ने महाराष्ट्र की बारामती सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (राकांपा-एसपी) की प्रत्याशी सुप्रिया सुले को चुनौती दी थी, जो अजित के चाचा शरद पवार की बेटी हैं। हालांकि, इस चुनाव में सुनेत्रा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन बाद में वह राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुईं।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले हफ्ते रक्षा बंधन पर अपनी बहन के यहां जाएंगे, अजित ने कहा कि वह अभी एक यात्रा पर हैं और अगर वह और उनकी बहनें उस दिन एक ही जगह पर होंगे, तो वह निश्चित तौर पर उनसे मिलेंगे। अजित ने यह भी कहा कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता और उनके परिवार के मुखिया हैं, इसलिए वह उनकी किसी भी आलोचना का जवाब नहीं देंगे। सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि रक्षा बंधन से पहले बहन के खिलाफ पत्नी को उतारने की गलती के कबूलनामे के क्या मकसद हो सकते हैं।
चर्चा इस बात की भी हो रही है कि क्या अजित पवार फिर से परिवार की तरफ लौटने की उम्मीद में तो यह बयान नहीं दे रहे क्योंकि लोकसभा चुनाव के बाद महायुति गठबंधन में उनकी पकड़ कमजोर होती जा रही है। संघ ने भी कहा है कि अजित पवार को गठबंधन में शामिल करने की वजह से लोकसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़ा है।
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