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महाराष्ट्र में स्मारकों की बहार: आंबेडकर, अटल, ठाकरे और संभाजी की याद में बनेंगे मेमोरियल, सैकड़ों करोड़ का बजट

संक्षेप:
  • संगमेश्वर में छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनेगा। वहीं बाबासाहेब ठाकरे का भव्य स्मारक भी मुंबई में बड़ी लागत से बन रहा है। इस बजट में इस स्मारक के दूसरे चरण के लिए ही 220 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इससे समझा जा सकता है कि कितना बजट स्मारकों के लिए आवंटित हुआ है।

Mon, 10 March 2025 03:39 PMSurya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, मुंबई
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महाराष्ट्र में स्मारकों की बहार: आंबेडकर, अटल, ठाकरे और संभाजी की याद में बनेंगे मेमोरियल, सैकड़ों करोड़ का बजट

महाराष्ट्र विधानसभा में फाइनेंस मिनिस्टर अजित पवार ने राज्य का बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने कई जनकल्याणकारी योजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर का ऐलान किया तो वहीं कई स्मारकों की भी घोषणा की। अजित पवार ने बजट में संभाजी महाराज के नाम पर स्मारक बनाने का ऐलान किया है। इसके अलावा इंदु मिल्स में बने आंबेडकर मेमोरियल का काम जल्दी ही पूरा करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि संगमेश्वर में छत्रपति संभाजी महाराज का स्मारक बनेगा। वहीं बाबासाहेब ठाकरे का भव्य स्मारक भी मुंबई में बड़ी लागत से बन रहा है। इस बजट में इस स्मारक के दूसरे चरण के लिए ही 220 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। इससे समझा जा सकता है कि कितना बजट स्मारकों के लिए आवंटित हुआ है।

देवेंद्र फडणवीस सरकार के इस बजट में मराठी अस्मिता पर खासा जोर दिया गया है। वित्त मंत्री अजित पवार ने ऐलान किया कि यूपी के आगरा में महाराज छत्रपति शिवाजी का एक स्मारक बनेगा। यह स्मारक उस स्थान पर बनेगा, जहां से मुगलों की कैद से छूटकर शिवाजी निकले थे। इसके अलावा तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषाओं वाले विवाद के बीच एक और अहम फैसला हुआ है। महाराष्ट्र सरकार ने 3 अक्टूबर को मराठी भाषा सम्मान दिन मनाने का ऐलान किया है। यह हिंदी दिवस की तर्ज पर ही मनाया जाएगा। बता दें कि हाल ही में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने यह सवाल भी उठाया था कि आखिर हिंदी भाषा की तरह अन्य भाषाओं के लिए कोई दिवस क्यों नहीं है।

महाराष्ट्र सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर उनका स्मारक बनाने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि स्मारकों के बहाने महाराष्ट्र सरकार ने कई समुदायों को साधने का प्रयास किया है। आंबेडकर स्मारक के नाम पर उसने एक तरफ दलित अस्मिता को सम्मान दिया है तो वहीं अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्मारक बनाने से उत्तर भारतीयों और राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों को लुभाया जा सकेगा। मराठी अस्मिता की बात हो तो बालासाहेब ठाकरे का जिक्र जरूरी हो जाता है। यही कारण है कि हर दल उनकी विरासत पर दावा करता है। इसी वजह से उनके स्मारक के लिए भी मोटा फंड आवंटित करने का ऐलान किया है। संभाजी महाराष्ट्र और छत्रपति शिवाजी तो महाराष्ट्र के लिए भावनात्मक विषय हैं, जिसका बजट में बखूबी ध्यान रखा गया है।

Surya Prakash

लेखक के बारे में

Surya Prakash
दुनियादारी में रुचि पत्रकारिता की ओर खींच लाई। समकालीन राजनीति पर लिखने के अलावा सामरिक मामलों, रणनीतिक संचार और सभ्यतागत प्रश्नों के अध्ययन में रुचि रखते हैं। करियर की शुरुआत प्रिंट माध्यम से करते हुए बीते करीब एक दशक से डिजिटल मीडिया में हैं। फिलहाल लाइव हिन्दुस्तान में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क के इंचार्ज हैं। और पढ़ें
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