
श्रेय लेने की होड़ नहीं, देवेंद्र फडणवीस के विज्ञापनों पर क्या बोले डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे
संक्षेप: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महायुति के सहयोगियों में किसी का क्रेडिट पाने के लिए कोई होड़ नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महायुति के सहयोगियों में किसी का क्रेडिट पाने के लिए कोई होड़ नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक टीम के रूप में काम कर रहे हैं। शिंदे की यह प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फुल पेज विज्ञापनों पर आई है। यह विज्ञापन शनिवार को प्रमुख अखबारों में प्रकाशित हुए हैं।

विज्ञापनों में क्या है
एक विज्ञापन में सीएम फडणवीस छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देते नजर आ रहे हैं। वहीं, एक अन्य विज्ञापन में जबकि एक अन्य में उन्हें 10-दिवसीय गणपति उत्सव के अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान गणेश को नमन करते हुए दिखाया गया है। दोनों विज्ञापनों में नीचे मराठी में ‘देवाभाऊ’ लिखा हुआ है। हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि इन विज्ञापनों को किसने प्रायोजित किया है। ठाणे में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान पत्रकारों ने शिंदे से पूछा कि क्या ये विज्ञापन मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा खुद को मराठा आरक्षण के आर्किटेक्ट के रूप में पेश करने की कोशिशें थीं।
क्या बोले शिंदे
इसके जवाब में शिंदे ने कहा कि हम श्रेय लेने की दौड़ में नहीं हैं। चाहे वह मराठा समुदाय हो या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय। उन्हें न्याय दिलाने का काम महायुति सरकार ने किया है। इस काम की पुष्टि पिछले विधानसभा चुनावों में ही हो गई थी। शिंदे ने आगे कहा कि अब देवेंद्र जी और मैंने एक टीम के रूप में दूसरी पारी शुरू की है। हम एक ही मकसद के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य है, प्रदेश का विकास और गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करना।
मराठा आरक्षण का मुद्दा हाल ही में फिर से उठा, जब कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी मांगों को पूरा करने के लिए मुंबई में पांच दिन की भूख हड़ताल की। जरांगे ने 29 अगस्त को विरोध प्रदर्शन शुरू किया था और 2 सितंबर को इसे तब खत्म किया जब राज्य सरकार ने उनकी अधिकांश मांगें मान लीं। गतिरोध खत्म होने के बाद, मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय के हित में एक समाधान ढूंढ लिया है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) शामिल हैं।





