
...तो BMC चुनावों में कम सीटों पर मान गए एकनाथ शिंदे? पर फेंक दिया नया पासा, BJP को होगी मुश्किल
संक्षेप: BMC elections: जनवरी 2026 के अंत तक होने वाले बीएमसी चुनाव में भाजपा 125 से ज़्यादा सीटों पर नजरें गड़ाए हुए है, जबकि तीसरे सहयोगी एनसीपी को बहुत कम सीटें मिलने की उम्मीद है।
आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों में सत्ताधारी महायुति गठबंधन में भाजपा ही बिग ब्रदर की भूमिका में रह सकती है। इसके संकेत उप मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने दिए हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक नया पासा फेंका, जिससे भाजपा को मुश्किल हो सकती है। दरअसल, एकनाथ शिंदे ने कहा है कि आगामी बीएमसी चुनाव के लिए सीट आवंटन में चुनावी जीत की योग्यता एक महत्वपूर्ण कारक होगी। यानी इस चुनाव में लड़ी गई सीटों की संख्या से ज्यादा महत्वपूर्ण उन पर जीत है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ऐसा बयान देकर शिंदे संकेत दे रहे हैं कि बीएमसी चुनाव में शिवसेना भाजपा से कम सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत है लेकिन उनकी नजरें उन सीटों पर है, जहां पिछले चुनाव में जीते शिवसेना (UBT) और कांग्रेस के पूर्व पार्षद अब उनके खेमे में आ चुके हैं।
शिवसेना के शाखा प्रमुखों को संबोधित करते हुए पिछले दिनों शिंदे ने यह भी कहा कि महायुति की सामूहिक जीत अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महायुति के सीट-बंटवारे समझौते के दौरान शिवसेना को उचित सम्मान दिया जाएगा। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं।
जनवरी 2026 के अंत तक BMC चुनाव
बता दें कि एकनाथ शिंदे ने लोकसभा चुनाव में भाजपा के बराबर सीटें और विधानसभा चुनाव में मुंबई में भाजपा से बस कुछ ही कम सीटें हासिल कीं हैं। लिहाजा, बीएमसी चुनावों में शिवसेना को कम सीटों पर सहमत होना उसकी मजबूरी होगी। जनवरी 2026 के अंत तक होने वाले बीएमसी चुनाव में भाजपा 125 से ज़्यादा सीटों पर नजरें गड़ाए हुए है, जबकि तीसरे सहयोगी एनसीपी को बहुत कम सीटें मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इसी वजह से अजित पवार की एनसीपी बीएमसी चुनाव में एकला उतर सकती है।
55 पूर्व पार्षद शिंदे के साथ
2017 के BMC चुनावों में भाजपा और शिवसेना दोनों ने अलग-अलग 200-200 से ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसका कार्यकाल 2022 में खत्म हो चुका है। अब इन तीन वर्षों में लगभग 55 पूर्व पार्षद जो पहले कांग्रेस या शिवसेना (यूबीटी) से जुड़े थे, वो शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हो चुके हैं। इसलिए भी शिंदे बीएमसी चुनाव में महायुति की जीत के प्रति आश्वस्त दिख रहे हैं। शिंदे ने कहा है कि आगामी चुनावों के बाद महायुति ही मुंबई में अपना महापौर बनाएगी। इसलिए सीटों का बंटवारा जीतने की योग्यता के आधार पर तय हो। दरअसल शिंदे इन 55 पूर्व पार्षदों के आधार पर बीजेपी पर एक तरह से दबाव बनाने की कोशिशों में हैं।
बीएमसी पर भगवा झंडा फहराएगा, शिंदे का दावा
शिंदे ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किसे कितनी सीटें मिलती हैं। महत्वपूर्ण बात चुनावी योग्यता है, जो सीटें तय करने में महत्वपूर्ण होगी।’’ उन्होंने कहा कि जनवरी 2026 के अंत तक होने वाले निकाय चुनावों से पहले शिवसेना लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रवार बैठकें कर रही है। शिंदे ने कहा कि शिवसेना के महत्वपूर्ण अंग शाखा प्रमुख काम की प्रकृति से अच्छी तरह वाकिफ हैं, उन्हें लोगों के मुद्दों को समझने के लिए उनके साथ बातचीत करनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बीएमसी पर भगवा झंडा फहराएगा।
मुंबई के लोग काम करने वालों को पसंद करते हैं
उन्होंने शिवसेना कार्यकर्ताओं से 2022 से 2024 तक उनके नेतृत्व वाली पिछली सरकार द्वारा किए गए कार्यों और मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के योगदान के बारे में जनता के बीच जागरूकता फैलाने को कहा। शिवसेना नेता ने कहा कि मुंबई के लोग काम करने वालों को पसंद करते हैं। विपक्ष पर निशाना साधते हुए शिंदे ने कहा कि वे चुनाव हारने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम), न्यायपालिका और निर्वाचन आयोग को दोषी ठहराते हैं।





