शाइना एनसी को इम्पोर्टेड माल कहने पर अरविंद सावंत ने मांगी माफी, दर्ज हुई थी FIR
- अरविंद सावंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले एक दिन से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि मैंने एक महिला का अपमान किया है, जोकि मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं किया।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मुंबा देवी सीट से शिवसेना उम्मीदवार शाइना एनसी को इम्पोर्टेड माल कहने वाले शिवसेना यूबीटी गुट के अरविंद सावंत ने माफी मांग ली है। सावंत ने कहा है कि उनका कभी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं था। सावंत के शाइना एनसी को लेकर दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद बवाल मच गया था और शाइना ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी।
सावंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "पिछले एक दिन से ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि मैंने एक महिला का अपमान किया है, जोकि मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी नहीं किया। मुझे जानबूझकर अलग अर्थ देकर निशाना बनाया जा रहा है। मुझे इस बात का दुख है लेकिन फिर भी अगर मेरे बयान से किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। देश में महिलाओं के सम्मान को पार्टी के हिसाब से नहीं देखा जा सकता।"
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कथित तौर पर शाइना को इम्पोर्टेड माल कहते हुए कहा था कि उनकी हालत देखिए। वह जीवन भर बीजेपी में रहीं और अब वह दूसरी पार्टी में चली गईं। इम्पोर्टेड माल यहां काम नहीं करता, केवल मूल 'माल' ही काम करता है। इस बयान के बाद सावंत घिर गए थे और शिवसेना शिंदे गुट, बीजेपी आदि के नेताओं ने उनपर जमकर निशाना साधा था।
बाद में शाइना एनसी ने उनकी टिप्पणी को लेकर नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में धारा 79 और 356(2) के तहत एफआईआर दर्ज की है और चुनाव आयोग तथा महिला आयोग ने शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत के खिलाफ संज्ञान लिया है।
इससे पहले शिवसेना नेता शाइना एनसी ने शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत की इम्पोर्टेड माल टिप्पणी की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि महिलाओं को वस्तु के रूप में पेश करना और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाना कोई छोटी समस्या नहीं है। 'एएनआई' से बात करते हुए शिवसेना नेता शाइना ने कहा, "नागपाड़ा पुलिस स्टेशन में महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप में धारा 79 और 356 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। चुनाव आयोग और महिला आयोग ने भी इसका संज्ञान लिया है। यह महिलाओं के सम्मान की लड़ाई है... महिलाओं को वस्तु बनाना और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाना कोई छोटी समस्या नहीं है। सच्चाई वीडियो में सबके सामने आ जाएगी लेकिन यह मानसिकता और विकृत मानसिकता दिखाई दे रही है।
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