
महादेवी हथिनी के लिए एक नई शुरुआत, कोल्हापुर में वंतारा खोलेगा पुनर्वास केंद्र
संक्षेप: इस पुनर्वास केंद्र के लिए ज़मीन को वंतारा, जैन मठ और महाराष्ट्र सरकार मिलकर तय करेंगे। ज़मीन और बाकी ज़रूरी मंज़ूरी मिलते ही वंतारा की एक्सपर्ट टीम काम शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अनंत अंबानी की वंतारा ने करुणा और सहयोग की मिसाल पेश करते हुए एक ऐसा समाधान सुझाया है, जो जनता की भावनाओं, मठ के नेतृत्व और जानवरों की भलाई – इन सभी के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करता है। यह मामला कोल्हापुर की मंदिर हथिनी महादेवी से जुड़ा है। इसे माधुरी के नाम से भी जाना जाता है।

वंतारा ने कोल्हापुर के नंदनी इलाके में महादेवी के लिए एक खास पुनर्वास केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा है। यह केंद्र न सिर्फ उसकी मेडिकल ज़रूरतों का ध्यान रखेगा, बल्कि कोल्हापुर के लोगों और जैन मठ की उससे भावनात्मक जुड़ाव को भी सम्मान देगा। ऐसा केंद्र भारत में पहली बार बनाया जाएगा।
यह पहल दिखाती है कि वंतारा परंपरा के सम्मान के साथ-साथ वैज्ञानिक देखभाल और संवेदनशीलता को भी महत्व देता है। यह केंद्र जैन मठ, महाराष्ट्र सरकार और हाई-पावर कमेटी की सलाह से और अंतरराष्ट्रीय स्तर की हाथी देखभाल के मानकों के अनुसार बनाया जाएगा।
अनंत अंबानी की वंतारा टीम यह दिखा रही है कि भावनात्मक जुड़ाव, आधुनिक चिकित्सा और मिलकर काम करने का तरीका – ये सब एक साथ आकर जानवरों की भलाई के लिए बेहतरीन समाधान दे सकते हैं। यह योजना महादेवी की सेहत और आराम को प्राथमिकता देती है और साथ ही यह भी सुनिश्चित करती है कि वह अपनी प्रिय जनता के पास ही रह सके।
इस पुनर्वास केंद्र के लिए ज़मीन को वंतारा, जैन मठ और महाराष्ट्र सरकार मिलकर तय करेंगे। ज़मीन और बाकी ज़रूरी मंज़ूरी मिलते ही वंतारा की एक्सपर्ट टीम काम शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
कोल्हापुर में प्रस्तावित इस केंद्र में महादेवी के लिए कई खास सुविधाएं होंगी – जैसे हाइड्रोथेरेपी तालाब, तैराकी के लिए जगह, लेज़र थेरेपी रूम, और 24x7 वेटरनरी क्लिनिक। इसके अलावा वहां एक कवर किया हुआ नाइट शेल्टर, चेन-फ्री ओपन एरिया, रेत का गड्ढा, रबर की फर्श और मुलायम रेत के टीले भी होंगे, जो महादेवी को आर्थराइटिस और पैर की बीमारियों से उबरने में मदद करेंगे। ये सब सुविधाएं उसकी सेहत, आराम और गरिमा को ध्यान में रखकर बनाई जाएंगी।





