
कौन हैं डॉक्टर प्रवीण सोनी, MP में 11 बच्चों की मौत के बाद क्यों कर दिया सस्पेंड
संक्षेप: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के चलते हुई 11 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब बैतुल में भी दो बच्चों की मौत हो गई है। दावा किया जा रहा है कि इन दोनों बच्चों की मौत भी कोल्ड्रिफ कप सिरप पीने के बाद ही हुई है।
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के चलते हुई 11 बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब बैतुल में भी दो बच्चों की मौत हो गई है। दावा किया जा रहा है कि इन दोनों बच्चों की मौत भी कोल्ड्रिफ कप सिरप पीने के बाद ही हुई है। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए छिंदवाड़ा के परसिया में सिविल हॉस्पिटल में तैनात डॉक्टर प्रवीण सोनी को सस्पेंड कर दिया गया था। परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि कबीर की मौत परासिया के चिकित्सक डॉ. प्रवीण सोनी के परामर्श पर ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप के सेवन के बाद हुई। सोनी को शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया था और रविवार सुबह सेवा से निलंबित कर दिया गया।

डॉ. सोनी सिविल अस्पताल, परासिया में एक सरकारी पीडियाट्रिशियन हैं, जो कथित तौर पर अस्पताल पर काम करने के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिस पर भी कर रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्वास्थ्य आयुक्त तरुण राठी द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार, डॉ. सोनी ने बच्चों को ऐसी दवाएं दीं जिनसे गंभीर परेशानी पैदा हुईं। आदेश में कहा गया है, निर्धारित दवाएं लेने के बाद, इनमें से कई बच्चों को तेज बुखार और पेशाब करने में कठिनाई हुई, जिसके बाद उनमें से कुछ की मौत हो गई। रिपोर्ट में आगे कहा गया है, मामले की जाँच से पता चला है कि डॉ. सोनी ने ऐसी दवाएं लिखीं जिनसे बच्चों की किडनी पर असर पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई। डॉ. प्रवीण सोनी ने प्राइवेट प्रैक्टिस करते हुए बच्चों को दवाएं लिखीं और उन्हीं दवाओं को लेने के बाद बच्चों को तेज़ बुखार, पेशाब करने में कठिनाई हुई और किडनी फेल हो गई जिससे उनकी मौत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर डॉ. सोनी ने बच्चों की ठीक से जांच की होती, उनकी स्थिति का सही निदान किया होता और उचित इलाज दिया होता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी।
बच्चों की मौत के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप की ब्रिकी पर बैन लगा दिया है। इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने सिरप में जहरीला पदार्थ पाए जाने पर शुक्रवार को कोल्ड्रिफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। कलेक्टर सूर्यवंशी ने कहा, अब तक जिले के स्वास्थ्य विभाग, पुलिस या प्रशासन को कोल्ड्रिफ सिरप पीने से किसी की मौत की कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीम द्वारा किए गए निरीक्षण में पाया गया कि बैतूल जिले में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री नहीं हो रही है और न ही यह मेडिकल दुकानों में उपलब्ध है।





