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महाकाल मंदिर के लिए तोड़ दी हमारी 200 साल पुरानी मस्जिद; SC में क्या बोला मुस्लिम पक्ष

महाकाल मंदिर के लिए तोड़ दी हमारी 200 साल पुरानी मस्जिद; SC में क्या बोला मुस्लिम पक्ष

संक्षेप: मध्य प्रदेश के उज्जैन की एक मस्जिद का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उज्जैन की तकिया मस्जिद के विध्वंस को बरकरार रखने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के हालिया फैसले को चुनौती देते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है।

Mon, 3 Nov 2025 12:48 PMSudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
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मध्य प्रदेश के उज्जैन की एक मस्जिद का विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। उज्जैन की तकिया मस्जिद के विध्वंस को बरकरार रखने के मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के हालिया फैसले को चुनौती देते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। मस्जिद में नमाज अदा करने वाले 13 स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि महाकाल मंदिर के पार्किंग को बढ़ाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 200 साल पुरानी मस्जिद को तोड़ दिया।

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बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं ने कहा कि मस्जिद को 1985 में वक्फ के रूप में अधिसूचित किया गया था और इस साल जनवरी में 'अवैध घोषित किए जाने और मनमाने तरीके से ध्वस्तीकरण' से पहले 200 सालों तक इसका इस्तेमाल होता रहा। इस तरह

इस प्रकार यह विध्वंस पूजा स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991, वक्फ अधिनियम 1995 (अब एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995) और भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में निष्पक्ष मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 का उल्लंघन करता है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि ध्वस्तीकरण से पहले सरकार की ओर से की गई भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में अनियमितता है।

याचिकाकर्ताओं ने आगे आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राज्य सरकार ने अधिग्रहण की झूठी कहानी गढ़ने के लिए क्षेत्र में अवैध कब्जाधारियों और अतिक्रमणकारियों को मुआवजा दे दिया। याचिकाकर्ताओं ने मस्जिद को दोबारा बनवाने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया था। हालांकि, पहले सिंगल बेंच और फिर डबल बेंच ने याचिका खारिज कर दी थी। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।

अंतरिम राहत के तौर पर उन्होंने सर्वोच्च अदालत से मांग की है कि हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगा दिया जाए ताकि राज्य सरकार उस जगह कोई निर्माण ना कर सके। साथ ही ध्वस्तीकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।

Sudhir Jha

लेखक के बारे में

Sudhir Jha
डिजिटल और प्रिंट मीडिया में डेढ़ दशक का अनुभव। भारतीय राजनीति के साथ एशियाई और वैश्विक मामलों की समझ। अर्थशास्त्र और खेल में भी रुचि। जम्मू-कश्मीर, लखनऊ और दिल्ली में पत्रकारिता कर चुके हैं। लाइव हिन्दुस्तान से पहले आज समाज, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर, न्यूज ट्रैक, नवभारत टाइम्स में सेवा दे चुके हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस से हिंदी पत्रकारिता में पोस्ट ग्रैजुएशन डिप्लोमा से पहले कंप्यूटर साइंस में ग्रैजुएशन किया है। जन्म बिहार में हुआ और पले-बढ़े मेरठ में। और पढ़ें
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