पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते मगर मध्य प्रदेश में ऐलान के साथ भाजपा-कांग्रेस आमने-सामने, जुबानी जंग
मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं लेकिन इसके बाद भी दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं।...
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मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं लेकिन इसके बाद भी दोनों दल आमने-सामने आ गए हैं। कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट कर चुनाव की तारीखों की घोषणा को विचित्र कानूनी परिस्थिति बता दिया है तो वहीं भाजपा कांग्रेस पर आरोप लगा रही है कि वह चुनाव से बचना चाहती है।
मप्र में पंचायती राज के चुनाव की घोषणा विचित्र क़ानूनी परिस्थिति में। कॉन्स्टिटूशन प्रक्रिया और प्रावधान की पूर्ण अनदेखी कर प्रदेश सरकार द्वारा पारित अध्यादेश जनता के साथ धोका। जनता का विश्वास कोर्ट के साथ। क़ानून द्वारा स्थापित राज का संदेश देना हम सब का दायित्व। #पंचायती #राज
— Vivek Tankha (@VTankha) December 4, 2021
मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को पंचायत चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। यह चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं और इस कारण पार्टियों के चुनाव चिन्ह का उपयोग भी नहीं होता है। मगर इनमें पार्टियां अपने-अपने समर्थकों को चुनाव मैदान में उतारती हैं जिससे ये चुनाव उनके अप्रत्यक्ष शक्ति प्रदर्शन का माध्यम होता है। गांव में उनकी पकड़ को भी दिखाता है। इसी वजह से भाजपा कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बने हैं।
पंचायत चुनाव परिसीमन को लेकर कांग्रेस की आपत्ति
पंचायत चुनावों को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने आपत्ति जताई है क्योंकि उसकी शुरू से ही परिसीमन निरस्त किए जाने को लेकर सरकार के फैसले पर विरोध बना हुआ है। चुनावों की घोषणा के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने ट्वीट कर इसको लेकर कहा है कि पंचायत चुनावों की घोषणा विचित्र कानूनी परिस्थिति में हुई है। इसे उन्होंने कांस्टिट्यूशन प्रक्रिया और प्रावधानों की पूरी तरह से अनदेखी बताया है। तन्खा ने प्रदेश सरकार द्वारा पारित अध्यादेश को जनता के साथ धोखा बताया है और कहा कि जनता का विश्वास कोर्ट के साथ है। कानून द्वारा स्थापित राज का संदेश देना हम सबका दायित्व है। वहीं, कमल नाथ ने भी ट्वीट कर कहा है कि भाजपा सरकार चाहती ही नहीं है कि पंचायत चुनाव हों और यही वजह है कि उसने चुनावों की घोषणा कर दी है। अब अगर रोक लगती है तो वह यह कहेगी कि वे तो चुनाव करा रहे थे लेकिन कांग्रेस नहीं चाहती।
भाजपा समर्थकों की जीत पर वीडी शर्मा को विश्वास
इधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मीडिया से चर्चा में कहा है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं लेकिन उनकी पार्टी के समर्थक चुनाव लड़ेंगे। भाजपा समर्थक चुनाव में जीतेंगे और इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता पूरी ताकत से इसमें लगेंगे। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस चुनाव से बचना चाहती है और इसीलिए वह विरोध कर रही है।