मां नर्मदा का चमत्कारी स्वरूप, नदी में 65 साल की बुजुर्ग 18 घंटे तक लगातार बहती रही, फिर इस तरह बची जान
65 साल उम्र की महिला 2 अक्टूबर की शाम को नरसिंहपुर जिले के नर्मदाघाट वरमान में पानी भर रही थी। अचानक सीढ़ियों से पैर स्लिप होने के बाद तेज धार में बहने लगी। वहीं महिला रात भर सिर ऊपर कर बहती रही।
इस खबर को सुनें
मध्य प्रदेश के रायसेन से अनोखा मामला सामने आया है। जहां नर्मदा में करीब 50 किलोमीटर तक एक बुजुर्ग महिला बह गई पर मां नर्मदा ने उसे इस तरह संभाल कर रखा कि उसका बाल भी बांका नहीं हो सका। महिला नदी में बस बहती चली गई लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंच। कहते है ना कि ईश्वर में अगर आस्था रखो तो कभी कोई तकलीफ नहीं होगी।
दरअसल सागर जिले के सुरखी के ग्राम हनोताकला की 65 साल उम्र की महिला 2 अक्टूबर की शाम को नरसिंहपुर जिले के नर्मदाघाट वरमान में पानी भर रही थी। अचानक सीढ़ियों से पैर स्लिप होने के बाद तेज धार में बहने लगी। इस दौरान रात्रि में बहते हुए उसने एक नौका वाले को आवाज दी, लेकिन वो डरकर भाग गया।
वहीं महिला रात भर सिर ऊपर कर बहती रही। कभी एक हाथ से तैरती तो कभी दूसरे हाथ से तैरती रही। हालांकि महिला का सहारा मां नर्मदा बनी रही और 18 घंटे में बहने के बाद उदयपुरा तहसील के ग्राम बौरास के धरमपुरा घाट पर पहुंच गई।
जानकारी के अनुसार धरमपुरा घाट बुर्ग को बहते हुए लोगों ने देख लिया। जिसके बाद उसे नदी से बाहर निकाला गया। और वहां मौजूद लोगों ने उसे तत्काल इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र भेजा। जहां इलाज मिलने के बाद महिला पूर्ण स्वस्थ्य हो गई।
बताया जा रहा है कि रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदाघाट धरमपुरा पर स्न्नान कर रहे लोगो ने बहती हुई बृद्धा को पकड़ा और तत्काल इलाज के लिए उदयपुरा अस्पताल भेजा। ग्रामीणों के हिसाब से वह कौन थी और कहां से आई थी इसकी कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन जब महिला ने बताया तो लोगों को आश्चर्य हुआ तो मां नर्मदा की शक्ति की नारे लगाने लगे।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पुलिस ने महिला से पूछताछ कर संपर्क कर परिजनों को बुलाया। जिसके बाद महिला का पति और बेटा और बेटियां म आईं, और उसे उसके परिजनों के साथ भेज दिया गया। यह घटना भले ही सामान्य मामला हो, लेकिन इस उम्र में इतनी दूरी तक बहकर भी जिंदा बचे रहना किसी चमत्कार से कम नहीं हैं।