मध्य प्रदेश में रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 51 लाख की ठगी, CBI अधिकारी बन दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट भी रखा
यह वारदात रिटायर्ड बुजुर्ग बैंक अधिकारी राकेश कुमार जैन के साथ हुई। इस दौरान ठगों ने उन्हें दो दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा और CBI अफसर बनकर उनकी जीवन भर की कमाई 50.71 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए
मध्य प्रदेश के उज्जैन में 65 साल के बुजुर्ग से करीब 51 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए रिटायर्ड शख्स व उनकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेन-देन के नाम से डराया और डिजिटल अरेस्ट करके रखा। जिससे रिटायर्ड बैंक कर्मी इतना डर गए कि उन्होंने 50 लाख रुपए की एफडी तोड़कर ठगों के बैंक अकाउंट में रुपए जमा कर दिए। वारदात के 2 दिन बाद रिटायर्ड बैंक अधिकारी को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ और डरे-सहमे बुजुर्ग ने पुलिस में FIR दर्ज कराई। मामले में पुलिस ने जांच के बाद रुपए वापस दिलाने की बात कही है।
यह वारदात शहर के माधवनगर थाना क्षेत्र के सेठीनगर के समीप नीरा हवेली में रहने वाले रिटायर्ड बुजुर्ग बैंक अधिकारी राकेश कुमार जैन के साथ हुई। इस दौरान ठगों ने सीबीआई अफसर बनकर उनकी जीवन भर की कमाई 50 लाख 71 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। ठगी के शिकार राकेश कुमार जैन बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर पद से रिटायर हुए हैं। उनके परिवार में पत्नी और 2 बेटे हैं, पत्नी साथ रहती है और बेटे उज्जैन के बाहर रहते हैं।
पीड़ित बुजुर्ग ने पुलिस को बताया कि '7 अगस्त सुबह करीब साढ़े 11 बजे मोबाइल नम्बर 8653891750 से एक फोन आया, सामने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। उसने पूछा कि आप वर्तमान मोबाइल नम्बर के अलावा और कितने मोबाइल नम्बर का उपयोग करते है। इस दौरान मैंने बताया कि इस नम्बर के अतिरिक्त मेरा और कोई मोबाइल नम्बर नहीं है,तो उन्होंने इस मोबाइल नम्बर को ब्लॉक करने की बात कही, जब मैंने उन्हें मना किया तो उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए दूसरे मोबाइल नम्बर पर कॉल ट्रांसफर कर दिया।'
मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध लेनदेन का आरोप लगाया
रिटायर्ड बैंक अधिकारी ने बताया कि उसके बाद एक अन्य शख्स ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए मुझसे बात की। उस शख्स ने अपना नाम राकेश कुमार बताते हुए कहा कि मैं साइबर क्राइम विभाग मुंबई से बोल रहा हूं। आपके आधार कार्ड नंबर से एचडीएफसी मुंबई में एक खाता खोला गया है और उस खाते से करोड़ो रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग एवं अवैध लेन देन हुआ है। आपकी आईडी से खाता खोला गया है, इसलिए आप संदिग्ध व्यक्ति हो।
बैंक खातों की जानकारी लेकर डराया
रिटायर्ड बैंक अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने उनसे पारिवारिक और बैंक खातों की जानकारी ली और बताया कि अशोक गुप्ता द्वारा फर्जी खातों से करोड़ों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। हमें सही अपराधी को पकड़ना है तो आप हमें सहयोग करें एवं इस घटना को अन्य किसी को एवं अपने परिवार के सदस्यों को न बताएं अन्यथा आप परेशानी में पड़ जाएंगे। फिर उन्होंने कहा कि आपका मोबाइल नम्बर ट्रेसिंग पर है। इसके बाद उन्होंने मुझे वीडियो कॉल पर एवं स्काईप पर रहने को कहा और बिना अनुमति किसी से भी फोन पर बात करने का मना किया।
आरोपियों ने वॉट्सएप पर अरेस्ट लेटर भेजा
इसके बाद उन्होंने सीनियर सीबीईसी अधिकारी मोहित हांड ने मुझे डिजिटल अरेस्ट का लेटर वॉट्सएप पर भेजा और सुप्रीम कोर्ट व आरबीआई के नियमों के तहत ये जानकारी किसी अन्य के साथ साझा नहीं करने की बात कही और ऐसा करने पर तीन साल के लिए जेल में डालने की धमकी दी। दो दिन तक तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद बुजुर्ग बदमाशों की बातो में आ गए और उन्होंने अपने बैंक की 50 लाख की एफडी तोड़कर महाकाल नामक फर्म के खाते में ये रुपए जमा करा दिए। बताया जा रहा है कि यह खाता गाजियाबाद के राजेंद्र नगर बंधन बैंक का निकला है।
'डिजिटल अरेस्ट' है साइबर क्राइम का नया तरीका
मामले में ठगी का एक नया तरीका 'डिजिटल अरेस्ट' का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें पीड़ित को वीडियो कॉल पर डरा धमका कर घर में ही कैद कर लिया जाता है। जिसे साइबर क्राइम की भाषा में डिजिटल अरेस्ट कहा जाता है। रिटायर्ड बैंक अधिकारी की शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस घटना के बाद स्टेट साइबर सेल के साथ काम कर रही है। पुलिस का कहना है कि घटना की जानकारी आज मिली है जल्द ही कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ा जाएगा और बुजुर्ग दम्पत्ति से ठगी गई रकम जल्द ही वापस दिलाई जाएगी।
रिपोर्ट विजेन्द्र यादव
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