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यूपी की गैंग MP में चलाती थी पेपर लीक का नेटवर्क, नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा मामले में गंभीर खुलासे

मध्य प्रदेश में आयोजित नेशनल हेल्थ मिशन के नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में ग्वालियर पुलिस ने सनसनीखेज खुलासे किए हैं। पुलिस की मानें तो यूपी की गैंग MP में पेपर लीक नेटवर्क चलाती थी।

यूपी की गैंग MP में चलाती थी पेपर लीक का नेटवर्क, नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा मामले में गंभीर खुलासे
Krishna Singhहिंदुस्तान,ग्वालियरTue, 07 Feb 2023 09:05 PM

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नेशनल हेल्थ मिशन के नर्सिंग स्टॉफ भर्ती परीक्षा मामले को लेकर ग्वालियर पुलिस ने हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि यूपी की गैंग ने मध्य प्रदेश में तगड़ा जाल बिछा रखा था। पुलिस ने अब तक इस मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। उत्तर प्रदेश से ऑपरेट होने वाली गैंग का नेटवर्क मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर, सागर से जुड़े हुए हैं। अभी तक गिरोह का मास्टर माइंड फरार है जो यूपी के प्रयागराज का रहना वाला बताया जाता है।  

पुलिस ने बताया कि ग्वालियर पुलिस को एक छात्र के परिजन ने सूचना दी कि कुछ लोग पेपर देने के लिए डबरा के टेकनपुर स्थित होटल के पास बुला रहे हैं। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने वहां छापा मारा। इसके बाद पुलिस ने मौके से 33 लोगों को पकड़ लिया। इनमें से आठ आरोपी हैं, जो पेपर लीक कर बेच रहे थे। दो आरोपी उत्तर प्रदेश के मेरठ और इलाहबाद के रहने वाले हैं बाकी दो आरोपी हरियाणा और तीन ग्वालियर के रहने वाले हैं। 

पुलिस ने मौके से 26 छात्रों को भी पकड़ा जिनमें 15 लड़कियां और 11 लड़के शामिल हैं। क्राइम ब्रांच की सख्त पूछताछ में आरोपियों ने पर्चा बेचना कबूल किया है। आरोपियों ने छात्रों को टेकनपुर बुलाया था। इस गैंग ने 80 परीक्षार्थियों से सौदा किया था। हर परीक्षार्थी से 2 से 3 लाख रुपए में सौदा तय हुआ था। आरोपियों ने गारंटी के तौर पर परीक्षार्थी से ओरिजनल दस्तावेज जमा कराए थे। 

परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का पता लगते ही नेशनल हेल्थ मिशन मध्य प्रदेश की 7 फरवरी को आयोजित संविदा स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा निरस्त कर दी गई। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पर्चा स्ट्रेटेजिक अलायंस मैनेजमेंट सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (SAMS) नाम की कंपनी की वेबसाइट से ऑनलाइन खरीदा था। यह कंपनी सरकारी विभागों में रिक्रूटमेंट कंसल्टिंग का काम करती है। 

आरोपियों का कहना है कि उन्होंने पेपर की एवज में 15 लाख रुपए चुकाए थे। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कंपनी के पास यह पर्चा कहां से आया। अभी तक कंपनी से जुड़ा कोई भी व्यक्ति नहीं पकड़ा गया है। छानबीन में परीक्षा ले रही एजेंसी से आरोपियों का सीधा कनेक्शन नहीं पाया गया है। आरोपी इसी कंपनी के जरिए ही पूरा काम कर रहे थे। पुलिस अब NHM के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। 

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