MP के इस डॉक्टर ने किए थे अपने ही ड्राइवर के 70 टुकड़े; एसिड में गला दी थी लाश, कोर्ट ने दी उम्रकैद
अपने ही ड्राइवर की हत्या कर के उसकी लाश के 70 टुकड़े करने वाले नर्मदापुरम के डॉक्टर सुनील मंत्री को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आखिर डॉक्टर ने यह कत्ल क्यों किया था इस रिपोर्ट में जानें...

मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम (होशंगाबाद) की एक अदालत ने उस शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई है जिसने ऐसी खौफनाक वारदात को अंजाम दिया था जिससे सूबे में तहलका मच गया था। यह शख्स कोई आम आदमी नहीं वरन एक डॉक्टर था। डॉक्टरों को जीवन बचाने वाला माना जाता है लेकिन इस शख्स ने अपने ही ड्राइवर को इस कदर बेरहमी से कत्ल किया किया था कि वारदात की कहानी जान लोग सन्न रह गए थे। अदालत ने इस शख्स को अब ड्राइवर की हत्या का दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उस पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। डॉक्टर ने ऐसा क्यों किया इसके पीछे एक लव स्टोरी है।
यह कहानी 55 साल के डॉ. सुनील मंत्री की पत्नी सुषमा की मृत्यु के बाद से शुरू होती है। सुषमा अपने घर में एक बुटीक चलाती थी।इसी बुटीक में वीरू नाम के एक शख्स की पत्नी काम करती थी। सुषमा की अचानक मौत हो जाने के बाद वीरू की पत्नी बुटीक संभालने लगी। इसी दौरान डॉक्टर सुनील और वीरू की पत्नी के बीच नजदीकियां बढ़ी और उनके बीच प्रेम संबंध बन गए। किसी तरह वीरू को उसकी बीवी और डॉक्टर के नाजायज रिश्तों की भनक लग गई।
वीरू ने बवाल किया और डॉक्टर सुनील को बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने लगा। इससे परेशान डॉक्टर ने वीरू को ठिकाने लगाने की साजिश रची। डॉ. सुनील इटारसी के सरकारी अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ के तौर पर पदस्थ था। उसने जनवरी 2019 में वीरेंद्र पचौरी उर्फ वीरू को प्लानिंग के तहत अपने यहां ड्राइवर के तौर पर काम पर रख लिया। वीरू की उम्र 30 साल थी। डॉक्टर सुनील वीरू को निपटाने के लिए मौके की तलाश में था। आखिरकार उसे 4 फरवरी 2019 को यह मौका हाथ लग गया।
4 फरवरी 2019 को वीरू जब डॉक्टर के यहां काम पर पहुंचा तो उसका दांत दर्द कर रहा था। डॉक्टर ने वीरू से कहा कि वह उसका इलाज कर सकता है। वीरू ने जब सहमति जताई तब डॉक्टर ने वीरू को एक इंजेक्शन लगाया। इससे वीरू बेहोश हो गया। डॉक्टर ने आरी से वीरू की गर्दन काटकर उसकी जान ले ली। बाद में सर्जरी के औजारों से लाश के टुकड़े-टुकड़े किये। उसने घर में एक एसिड से भरा ड्रम मंगा रखा था जिसमें लाश के 70 टुकड़ों को डाल दिया।
डॉक्टर ने लाश के टुकड़ों को गलाकर नष्ट करने की सोची थी। डॉक्टर पॉश इलाके में रहता था। दिन बीतने के साथ लाश से खतरनाक स्तर की बदबू उठने लगी। उसने बदबू रोकने की तमाम कोशिशें की नाकाम रहा। आखिरकार लोगों ने बदबू से तंग आकर पुलिस को शिकायत की। पॉश इलाके का मामला था इसलिए पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया और छानबीन शुरू की। पुलिस ने डॉ. सुनील मंत्री को गिरफ्तार किया और वारदात का खुलासा किया। डॉक्टर तभी से जेल में बंद था। अब अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।