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गोहत्या के लिए गायों को ले जाने वाले वाहन होंगे जब्त, मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने दी विधेयक को मंजूरी

अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश गोहत्या निषेध अधिनियम, 2004 में संशोधन कर जिलाधिकारियों को गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में शामिल वाहनों को जब्त करने का अधिकार देने के विधेयक को मंजूरी दी गई।

गोहत्या के लिए गायों को ले जाने वाले वाहन होंगे जब्त, मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने दी विधेयक को मंजूरी
Praveen Sharma भोपाल। भाषा, Tue, 2 July 2024 01:57 AM
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मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को जब्त करने और राज्य सरकार में मंत्रियों द्वारा अपना आयकर खुद भरने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने एक अन्य विधेयक को भी मंजूरी दी, जिसमें खुले बोरवेल को न भरने या बंद नहीं करने पर मालिकों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। यह कदम राज्य में खुले बोरवेल में बच्चों की गिरकर मौत होने की कई घटनाओं की पृष्ठभूमि में उठाया गया है।

भोपाल स्थित विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए। एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में मध्य प्रदेश गोहत्या निषेध अधिनियम, 2004 में संशोधन कर जिलाधिकारियों को गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में शामिल वाहनों को जब्त करने का अधिकार देने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई। इस अधिनियम के तहत मध्यप्रदेश में गोमांस और गायों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने पर प्रतिबंध है।

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि कई बार गायों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने के दौरान पकड़े गए वाहनों को अदालत के आदेश पर छोड़ दिया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने तय किया है कि गोहत्या में शामिल वाहनों को जब्त किया जाएगा और उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। 

अधिकारी ने बताया कि मंत्रिमंडल ने खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए भी एक विधेयक को मंजूरी दी है। इसके अलावा कैबिनेट ने मध्य प्रदेश मंत्री (वेतन एवं भत्ता) संशोधन विधेयक, 2024 में संशोधन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। इस प्रस्ताव के बाद अब से राज्य के मंत्रियों को अपना आयकर खुद जमा करना होगा न कि सरकार को इसका बोझ उठाना पड़ेगा।

अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में एक निर्णय लिया गया था और सोमवार को विधेयक को मंजूरी दे दी गई। इस विधेयक ने 52 साल पुराने नियम को समाप्त कर दिया था।

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