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मध्य प्रदेश में शिव'राज' बरकार, ढहा कमलनाथ का किला, उपचुनाव की जीत ने बढ़ाया बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद

मध्यप्रदेश में हुए 28 विधानसभा सीटों के लगभग नतीजे आ ही गए हैं, अभी कुछ सीटों पर नतीजे आने बाकी हैं। भाजपा लगातार बढ़त की ओर है और वहीं 15 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। अभी तक कांग्रेस को 3 सीटों पर...

मध्य प्रदेश में शिव'राज' बरकार, ढहा कमलनाथ का किला, उपचुनाव की जीत ने बढ़ाया बीजेपी में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद
एजेंसी,भोपालTue, 10 Nov 2020 07:43 PM
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मध्यप्रदेश में हुए 28 विधानसभा सीटों के लगभग नतीजे आ ही गए हैं, अभी कुछ सीटों पर नतीजे आने बाकी हैं। भाजपा लगातार बढ़त की ओर है और वहीं 15 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी है। अभी तक कांग्रेस को 3 सीटों पर ही सफलता प्राप्त हुई है। बाकी सीटों पर नतीजों का इंतजार है लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनी रहेगी। बीजेपी को सरकार बचाने के लिए 8 सीटें जीतने की जरूरत थी लेकिन जनता ने इससे कहीं ज्यादा सीटें उसकी झोली में डाली दी हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका
उपचुनाव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि एमपी में सिर्फ और सिर्फ शिव का ही राज होगा। हालांकि इस बार शिव के सिर पर फिर से मुकुट पहनाने में मुख्य भूमिका कांग्रेस का साथ छोड़कर आए महाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया की रही।  यह न सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया की 28 सीटों पर कैंपेनिंग का नतीजा था बल्कि इन सीटों पर उनकी साख का प्रश्न भी जुड़ा हुआ था। हालांकि इसमें शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी की रणनीति ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पर इस जीत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बीजेपी में कई गुना बढ़ा दिया है। 

उन्होंने कांग्रेस के इस वक्तव्य का जवाब चुनाव में जीत कर दिया कि क्षेत्र की जनता पार्टी छोड़कर आए विधायकों और नेताओं का साथ नहीं देगी। अगर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए 22 विधायकों की बात की जाए तो  लगभग  विधायकों  ने अपनी अपनी सीट जीत कर मध्यप्रदेश में भाजपा को एक नई मजबूती प्रदान की है और यह साबित कर दिया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी में  शामिल होने का फैसला बिल्कुल सही था।  

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आपको बता दें कि मार्च 2020 ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे, उसके बाद तीन और विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था। वहीं तीन मौजूदा विधायकों के निधन से तीन सीटें खाली हुई थीं। सुबह से बौखलाए दिग्विजयसिंह ने EVM से छेड़छाड़ का आरोप लगाया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें (दिग्विजयसिंह) को सच्चाई स्वीकार नहीं है। दूसरी ओर, इंदौर में फर्जी मतगणना का आरोप लगाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा कर दिया है।

अब देखना यह है कि प्रदेश में मिली जीत के ईनाम स्वरूप ज्योतिरादित्य सिंधिया को किस महत्वपूर्ण पद से नवाजा जाता है  और बीजेपी के ऐसे खेमे की क्या प्रतिक्रिया रहती है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ आए विधायकों से खुश नहीं है।

विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे: ज्योतिरादित्य सिंधिया
वहीं इस जीत पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा कि "मप्र विधानसभा उपचुनावों में विजयी हुए भारतीय जनता पार्टी के सभी प्रत्याशियों को हार्दिक शुभकामनाएं। वहीं सभी देवतुल्य मतदाताओं का हृदय से आभार। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी विजयी उम्मीदवार जनसेवा और अपने विधानसभा क्षेत्र के समुचित विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।"

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जनादेश स्वीकार: कमलनाथ
जबकि इस जनादेश को स्वीकार करते हुए कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम जनादेश को शिरोधार्य करते हैं। हमने जनता तक अपनी बात पहुंचाने का पुरा प्रयास किया। मैं उपचुनाव वाले क्षेत्रों के सभी मतदाताओं का भी आभार मानता हूँ।

उम्मीद करता हूँ कि भाजपा की सरकार किसानों के हितों का ध्यान रखेगी, युवाओं को रोजगार देगी, महिलाओं का सम्मान व सुरक्षा कायम रखेगी, प्रदेश के नव निर्माण के हमारे काम को आगे बढ़ायेगी, प्रदेश को विकास व प्रगति के पथ पर अग्रसर करेगी। हम जनादेश को स्वीकार कर विपक्ष का दायित्व निभाएंगे, प्रदेश हित और जनता के हित के लिए सदैव खड़े रहेंगे, संघर्षरत रहेंगे। इन परिणामो की हम समीक्षा करेंगे।

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