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मध्य प्रदेश: पूर्व गृह मंत्री ने कहा, 'विकास दुबे की गिरफ्तारी की घटना संदिग्ध, उसके चेहरे पर भय तक नहीं था'

उत्तरप्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को बृहस्पतिवार (9 जुलाई) सुबह उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के घटनाक्रम को मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ...

मध्य प्रदेश: पूर्व गृह मंत्री ने कहा, 'विकास दुबे की गिरफ्तारी की घटना संदिग्ध, उसके चेहरे पर भय तक नहीं था'
पीटीआई,इंदौरThu, 09 Jul 2020 04:18 PM
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उत्तरप्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे को बृहस्पतिवार (9 जुलाई) सुबह उज्जैन से गिरफ्तार किए जाने के घटनाक्रम को मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बाला बच्चन ने संदिग्ध करार दिया। उन्होंने मध्यप्रदेश की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि पकड़े जाने के वक्त इस दुर्दांत अपराधी के चेहरे पर भय का कोई निशान नहीं था।

बच्चन ने यहां संवाददाताओं से कहा, "उज्जैन से दुबे की गिरफ्तारी को हम शक की निगाह से देखते हैं। मैंने जो तस्वीरें देखी हैं, उनमें साफ नजर आ रहा है कि पकड़े जाने के वक्त इस दुर्दांत अपराधी के चेहरे पर खौफ का निशान तक नहीं था।" उन्होंने कहा, "गिरफ्तारी के बाद दुबे मध्य प्रदेश पुलिस की उपस्थिति में सोफे पर आराम से बैठा दिखाई दे रहा है। गिरफ्तार करने के बाद उसे हथकड़ी भी नहीं पहनाई गई थी।"

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बच्चन ने कहा, "मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाल ही में बयान दिया था कि राज्य की सीमाओं पर कड़ी चौकसी है, लेकिन दुबे की हिम्मत देखिए कि वह मध्य प्रदेश में दाखिल होने के बाद उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण में घुस जाता है।" पूर्व गृह मंत्री ने कहा, "मुझे जानकारी मिली है कि मिश्रा उत्तरप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा संगठन की ओर से उसी कानपुर क्षेत्र के प्रभारी थे जहां से दुबे ताल्लुक रखता है। यह बात भी कहीं न कहीं शंका तो पैदा करती ही है।"

बच्चन, मध्यप्रदेश में कमलनाथ की अगुवाई वाली उस पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री थे जो केवल 15 महीने चल सकी थी। कांग्रेस के ही 22 बागी विधायकों के पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने के बाद 20 मार्च को इस सरकार का पतन हो गया था। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च को सूबे की सत्ता में लौट आई थी।

बीते बृहस्पतिवार (2 जुलाई) की देर रात कानपुर के चौबेपुर इलाके के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए पुलिस दल पर दुबे और उसके साथियों ने गोलियां बरसाई थीं जिसमें एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे। उस घटना के बाद से पुलिस मुठभेड़ में पांच लोग मारे गए हैं। बुधवार (8 जुलाई) को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में अमर दुबे को पुलिस ने मार गिराया था, जबकि तीन जुलाई को कानपुर में एक मुठभेड़ में पुलिस ने प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को मार गिराया था।

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