कोरोना महामारी में जहां वाहनों के पहिए थमे हुए हैं और लोग संक्रमण से बचने के लिए घरों में दुबके हैं। दूसरी तरफ विजयपुर में रेत का अवैध कारोबार चरम पर है। रेत माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि, पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया। रेत माफियाओं ने चेकिंग प्वॉइंट पर तैनात दो पुलिसकर्मियों को घेरकर उन्हें बुरी तरह पीटा और रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को लेकर भाग गए। हैरानी की बात यह है कि पुलिसकर्मियों की पिटाई के बाद भी इस मामले को रफा-दफा कर दिया।
शुक्रवार-शनिवार की रात में हुई यह घटना विजयपुर थाना क्षेत्र के गढ़ी गांव की है। यहां विजयपुर थाने के पुलिसकर्मियों की तैनाती कर वाहनों की चेकिंग के लिए अस्थायी चौकी बनाई गई है। यहां से आधी रात को वीरपुर में चंबल नदी के प्रतिबंधित क्षेत्रों से रेत लेकर तीन ट्रैक्टर-ट्रॉली आए। गढ़ी चेकिंग पॉइंट पर तैनात दो आरक्षकों ने रेत के तीनों वाहनों को रोक लिया। इस पर रेत माफिया उग्र हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार एक ट्रैक्टर ड्राइवर ने तो ट्रैक्टर को चेकिंग प्वॉइंट पर लगाए गए कैंप की ओर ही दौड़ा दिया। वहां मौजूद पुलिसकर्मी इधर-उधर भागकर बचे। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बेरिगेट्स लगाकर रास्ता रोक दिया। इसके बाद रेत के तीनों ट्रैक्टरों पर सवार पांच-छह लोगों ने आरक्षकों को घेर लिया ओर बुरी तरह पीटा। इसके बाद ट्रैक्टर चढ़ाने की धमकी देकर रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली को लेकर विजयपुर की ओर ही भाग गए।
इस घटना के तत्काल बाद एक आरक्षक ने विजयपुर थाना प्रभारी को फोन पर पूरी बात बताते हुए मौके पर आने का निवेदन किया लेकिन, थाना प्रभारी कई घंटों के बाद सुबह होने पर पहुंचे। बताया गया है कि रेत का अवैध कारोबार करने वाले कुछ लोगों को थाने में भी तलब किया गया। पुलिस पर हमले के मामले में होना तो कार्रवाई थी लेकिन, देर शाम कोई कार्रवाई नहीं हुई और जिम्मेदार अफसर पूरी ताकत से मामले को रफादफा करने के प्रयास करते दिखे।