Madhya Pradesh Panchayat Elections 2022: न्यूज एंकर, रेडियो जॉकी और फैशन डिजाइनर; जानिए कौन हैं उज्जैन की सबसे युवा महिला सरपंच
लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भरतपुरी में रीजनल अधिकारी के पद पर हैं। माता-पिता, बड़े भाई और बहन ने भी लक्षिका को चुनाव के लिए सपोर्ट किया। चुनाव में सात अन्य प्रत्याशी भी थे।
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उज्जैन शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित चिंतामन जवासिया ग्राम पंचायत में शनिवार को हुए चुनाव के बाद पहली बार सबसे कम उम्र की 21 वर्ष की लक्षिका डागर महिला सरपंच के रूप में विजयी घोषित हुई हैं। ग्राम पंचायत की कुल आबादी 3,265 है। पंचायत चुनाव के लिए हुए आरक्षण में यहां एससी महिला के लिए सरपंच पद आरक्षित था। गांव से अजा वर्ग की करीब आठ महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं। इनमें सबसे कम उम्र की लक्षिका ही थीं। शनिवार देर रात को आए परिणाम के बाद लक्षिका को 487 मतों से विजयी घोषित किया गया। उनकी जीत के बाद गांव में जश्न का माहौल बन गया। ग्रामीणों ने युवा महिला सरपंच के स्वागत में कोई कोर कसर नही छोड़ी।
कम उम्र में बनीं सरपंच
खास बात यह है कि चिंतामन जवासिया ग्राम पंचायत की नव निर्वाचित सरपंच लक्षिका डागर ने मात्र 21 वर्ष की उम्र में ही सरपंच बनकर जिले की सबसे कम उम्र की सरपंच होने का तमगा अपने नाम कर लिया है। एक पढ़ी- लिखी महिला सरपंच मिलने से गांव में भी खुशी का माहौल है। लक्षिका को जन्मदिन के एक दिन पहले गांव की मुखिया बनने का तोहफा मिला है। 27 जून को लक्षिका 22वें वर्ष में प्रवेश करेंगी।
उच्च शिक्षित सरपंच
चिंतामन जवासिया की मुखिया पद पर विजयी हुई लक्षिका पढ़ाई के साथ ही उज्जैन के स्थानीय न्यूज चैनल में न्यूज एंकर और रेडियो जॉकी की भूमिका भी निभाती हैं। मास कम्युनिकेशन और फैशन डिजाइनिंग में अध्ययनरत रहते हुए वो समाज से भी जुड़ी रहती हैं। गांव के लोगों का भी मानना है कि लंबे समय बाद युवा और शिक्षित महिला सरपंच गांव को मिलने से निश्चित ही गांव को फायदा होगा। जीत दर्ज करने के बाद लक्षिका का विजय जुलूस भी गांव में निकला।
नामांकन के साथ घोषणा पत्र
लक्षिका ने बताया कि चुनाव का नामांकन भरने के साथ ही उन्होंने गांव के विकास को लेकर लक्ष्य तय किया था। उन्होंने घोषणा पत्र में वादा किया है कि गांव में पेयजल, नाली, स्ट्रीट लाईट की समस्या को खत्म करना है। साथ ही गांव के आवास विहिन परिवारों के लिए आवास योजना का लाभ दिलाने का भी वादा है। वो खुद गांव के पंचायत कार्यालय में ग्रामीणों की समस्या सुनने के लिए उपलब्ध रहेंगी। जिससे ग्रामीणों की समस्या का निराकरण हो सके।
नवनिर्वाचित सरपंच लक्षिका डागर ने चर्चा में बताया कि गांव के विकास के लिए कार्य करना था। जब सरपंच के लिए पंचायत में अजा वर्ग की महिला के लिए आरक्षण हुआ, तभी लक्ष्य बना लिया था कि चुनाव लड़कर गांव की समस्या दूर करना है। लक्षिका के पिता दिलीप डागर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक भरतपुरी में रीजनल अधिकारी के पद पर हैं। माता-पिता, बड़े भाई और बहन ने भी लक्षिका को चुनाव के लिए सपोर्ट किया। हालांकि, चुनाव के दौरान सात अन्य महिला प्रत्याशी भी थीं। बावजूद इसके ग्रामीणों ने कम उम्र की लक्षिका पर भरोसा जताया।
रिपोर्ट: विजेन्द्र यादव, उज्जैन