मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव: यहां डकैत बनवाते थे 'गांव की सरकार', पहली बार जनता करेगी दिमाग का इस्तेमाल
इस बार मतदाता अपने मन से वोट करके गांव की सरकार बनाएंगे। ग्रामीणों की मानें तो डकैतों के खात्मे के बाद सरकार ने काफी कुछ बदलाव करने की कोशिशें तो कीं, लेकिन फिलहाल कुछ बदल नहीं सका।
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मध्य प्रदेश स्थित रीवा जिले के सेमरिया विधानसभा क्षेत्र के ककरेड़ी गांव में जनता आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। वजह यह है कि ककरेड़ी गांव साल 2015 के पहले दस्यु प्रभावित गांव हुआ करता था, जिसके कारण अब तक इस गांव में विकास नहीं हो सका। इस गांव के लोग अब तक डकैतों के कहने पर प्रत्याशियों को वोट दिया करते थे। हालांकि इस बार मतदाता अपने मन से वोट करके गांव की सरकार बनाएंगे। ग्रामीणों की मानें तो डकैतों के खात्मे के बाद सरकार ने काफी कुछ बदलाव करने की कोशिशें तो कीं, लेकिन फिलहाल कुछ बदल नहीं सका।
ककरेड़ी गांव उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की सीमा से लगा एक ऐसा गांव है, जहां कुछ सालों पहले तक डकैतों का मूवमेंट हुआ करता था। जिसकी वजह से हमेशा ग्रामीण दहशत में रहते थे तथा मतदान के लिए भी ग्रामीणों को डकैतों के फरमान का इंतजार ही करना पड़ता था। मगर इस बार इस गांव में भी खुशहाली आई है। सरकार के द्वारा दस्यु प्रभावित क्षेत्रों में लगातार बढ़ाई गई पुलिसिंग के वजह से खत्म हुए डकैतों के मूवमेंट के कारण ग्रामीणों को अपने मत का प्रयोग खुद से करने का मौका मिला है। जिसकी वजह से अब ककरेड़ी गांव के लोग इस बार अपने मत का प्रयोग करने का इंतजार कर रहे हैं।
कुएं से भरकर पीना पड़ता है पानी
जंगलों के बीच में बसा यह गांव डकैतों की वजह से समस्याओं से घिरा रहा। मगर जब सरकार ने डकैतों का खात्मा किया तो इस गांव में खुशहाली आई, पर फिर भी समस्याएं कम नहीं हुई। आज भी इस गांव के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव के लोगों को आज भी कुएं से पानी भर कर पीना पड़ता है। सड़क है, मगर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए यहां के लोग अब भी भटकते हुए देखे जाते हैं।
डकैतों का गढ़ था यह इलाका
आपको बता दें एक जमाने में विंध्य क्षेत्र ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया जैसे कुख्यात डकैतों का गढ़ माना जाता था। ये डकैत इसी गांव के आसपास जंगली क्षेत्रों में रहकर अपना गुजर-बसर करते थे। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर ग्रामीणों में दहशत फैलाकर वे सरकार से अपनी मांगों को भी मनवा लिया करते थे। लेकिन सरकार ने धीरे-धीरे पुलिसिंग तेज करके डकैतों के मूवमेंट को पूरी तरह से समाप्त कर दिया।