मध्य प्रदेश उपचुनाव: कांग्रेस ने पहली लिस्ट में जिन 15 उम्मीदवारों पर लगाया जीत का दांव, जानें उनके बारे में
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। कौन हे ये वो 15 उम्मीदवार जिन पर कांग्रेस ने...
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए पहली लिस्ट जारी कर दी है। पहली लिस्ट में कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। कौन हे ये वो 15 उम्मीदवार जिन पर कांग्रेस ने सत्ता में दोबारा वापसी की उम्मीद कर रही है जानें उनके बारे में...
1- कांग्रेस ने ग्वालियर विधान सभा सीट से सुनील शर्मा को उम्मीदवार बनाया है। वह पार्टी के प्रदेश महासचिव हैं। सुनील ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में युवा ब्राह्मण चेहरा हैं और इस क्षेत्र में करीब 35 हजार ब्राह्मण मतदाता हैं। सुनील सिंधिया के कट्टर समर्थक थे, लेकिन सिंधिया के जाने के बाद भी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी। 2018 में भी सुनील ने टिकट के लिए दावेदारी की थी, लेकिन सिंधिया ने प्रधुम्न को टिकट दिलवा दिया था।
2- अशोकनगर सीट पर कांग्रेस ने आशा दोहरे को उतारा है। वह राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से ही सक्रिय हैं। इन्हें राजनीति में लाने का श्रेय इनकी सास अनिता जैन को जाता है। अनिता जैन चार बार पार्षद और एक बार नगर पालिका अध्यक्ष के रूप चुनाव लड़ चुकी हैं।
3- शिवपुरी की करैरा विधानसभा सीट से प्रागीलाल जाटव को उम्मीदवार बनाया गया है। इन्होंने पिछला चुनाव बतौर बसपा उम्मीदवार लड़ा था।
4- भिंड की गोहद विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने मेवाराम जाटव पर भरोसा जताया है। वर्ष 2013 में इन्होंने विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी के लाल सिंह आर्य से चुनाव हार गए थे। जाटव अपनी स्वच्छ छवि के लिए पहचाने जाते हैं।
5- मालवा में नेपानगर से राम किशन पटेल को टिकट मिला है। वह कोरकू जाति के हैं। पटेल ने चिडयामाल गांव से सरपंच पद से सियासत की शुरुआत की थी। बाद में जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, बुरहानपुर कृषि उपज मंडी संचालक और ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके हैं। वर्तमान में वो जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री हैं। रामकिशन पटेल 2008 में इसी सीट पर बीजेपी के राजेंद्र दादू से महज 1500 वोटों से हार गए थे।
6- हाट पिपल्या सीट पर राजवीर सिंह बघेल कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे। वर्तमान में वह सोनकच्छ नगर पालिका अध्यक्ष हैं। इनके पिता राजेन्द्र सिंह बघेल पूर्व में हाट पिपल्या से कांग्रेस के दो बार विधायक रह चुके हैं।
7- अंबाह सीट से कांग्रेस के सत्यप्रकाश सिकरवार पार्टी कैंडिडेट हैं। वह 2013 में बीएसपी में थे और 10 हजार वोटों से विधानसभा चुनाव जीते थे। जीत के साथ मायावती ने उन्हें बीएसपी प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। 2018 में फिर बीएसपी से विधानसभा का चुनाव लड़े और हार गए। 2019 में लोकसभा के दौरान वह कांग्रेस में शामिल हो गए।
8- इंदौर के रहने वाले विपिन वानखेड़े आगर मालवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। इन्होंने राजनीति की शुरुआत एनएसयूआई से की थी। वह दो बार इंदौर के जिलाध्यक्ष और दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे। 2018 में आगर विधानसभा से कांग्रेस से चुनाव लड़ा ओर स्वर्गीय मनोहर ऊंटवाल जैसे दिग्गज बीजेपी नेता से मात्र 2490 वोटों के अंतर से हार गए थे।
9- डबरा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला होगा जब समधी-समधन आमने-सामने होंगे। कांग्रेस ने सुरेश राजे को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह इस बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही इमरती देवी को टक्कर देंगे। दोनों समधी-समधन के बीच 2013 में भी मुकाबला हो चुका है। सुरेश राजे 2013 में भी अपनी समधन इमरती देवी के खिलाफ बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। हालांकि तब उन्हें 32 हजार वोट से हार मिली थी।
10- कांग्रेस ने बमोरी विधानसभा उपचुनाव के लिए कन्हैयालाल अग्रवाल को टिकट दिया है। वह भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हैं। कन्हैयालाल अग्रवाल कद्दावर नेता और पूर्व राज्यमंत्री हैं। 2018 के विधान सभा चुनाव में वह निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतरे थे।
11- दिमनी से कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र सिंह तोमर होंगे। उन्होंने बीएसपी के टिकट पर 2008 में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे।